Friday, March 29, 2024
HomeDESHPATRAअभी इलेक्शनवा हो लेवे दे हम तुमको औकात में ला देंगे

अभी इलेक्शनवा हो लेवे दे हम तुमको औकात में ला देंगे

“तू ही न पोस्ट करता था, इ सब हम रखे हैं, अकबकाओ मत, रखो न, अभी इलेक्शनवा हो लेवे दे, तब हम तोरा औकात बता देते हैं, अरे हम तुमको औकात में ला देंगे, निकाल के रखो, तुरन्त एफआइआर करेंगे, इ जो दढ़िया हउ न इहा तक ला देबऊ, (आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग) कही का, अरे अभी इलेक्शन नहीं लड़ रहे होते न तो हम तोरा औकात बता देते” ये नायाब शब्द निकले हैं झारखण्ड के माननीय स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के मधुर मुख से।

“तू ही न पोस्ट करता था, इ सब हम रखे हैं, अकबकाओ मत, रखो न, अभी इलेक्शनवा हो लेवे दे, तब हम तोरा औकात बता देते हैं, अरे हम तुमको औकात में ला देंगे, निकाल के रखो, तुरन्त एफआइआर करेंगे, इ जो दढ़िया हउ न इहा तक ला देबऊ, (आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग) कही का, अरे अभी इलेक्शन नहीं लड़ रहे होते न तो हम तोरा औकात बता देते”

ये नायाब शब्द निकले हैं झारखण्ड के माननीय स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के मधुर मुख से।साहब झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री हैं, फिलहाल विश्रामपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।  एक समय था जब साहब लालू यादव के खास हुआ करते थे और राष्ट्रीय जनता दल की टिकट से किस्मत आजमाया करते थे, पर जैसे ही राजद और लालू का सितारा गर्दिश में आया, झट से पलटी मारी और भाजपा की बहती गंगा में डुबकी लगा लिए । भाजपा की कृपा से विधायक भी बन गए और झारखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी बना दिए गए। 

मंत्री जी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर क्षेत्र भ्रमण पर निकले हैं।अब समझना मुश्किल हो रहा है कि चुनावी टेंशन है या फिर सत्ता का नशा ? अपने विरोधियों को खुलेआम गाली ही नहीं बल्कि धमकी भी दे रहे हैं।

सूत्र बताते है कि पूरा मामला गवरलेटवा गांव जो उटारी रोड प्रखण्ड में पड़ता है, उस जगह का है। जो विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र का सबसे पिछड़ा इलाका है, इधर झारखण्ड विकास मोर्चा की प्रत्याशी अंजू सिंह ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, उनका कहना कि किसी भी युवा को अगर मंत्री द्वारा धमकी मिल रही हैं, तो वे उसे बर्दाश्त नहीं करेंगी। चुनाव प्रचार, चुनाव प्रचार की तरह हो तो अच्छा है, ये धमकी की बातें असहनीय है। इधर पूरे पलामू में इस बात की चर्चा जोरों पर हैं, तथा सभी इस घटना की कड़ी निन्दा कर रहे हैं तथा मंत्री से अपने स्वभाव में परिवर्तन लाने को कहा है। 

अब सवाल यह उठता है कि लोकतंत्र में जहाँ जनता स्वतंत्र है अपने विचार रखने के लिए और अपने पसंद के ही उम्मीदवार को अपना मत देती है ,ऐसे में क्या धमकी और गाली देने से परिणाम उनके हक़ में होगा।

यह सिर्फ झारखंड में ही संभव है जहाँ चुनाव प्रचार करने निकले उम्मीदवार लोगों को धमकी और गाली देते हों।   

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चुनाव प्रचार करने निकले हैं कि सबको धमकियाने निकले हैं, गाली देने निकले हैं।  क्या चुनाव प्रचार की ये भाषा है, क्या भाजपा के मंत्रियों को जिन्होंने विरोध किया, उसके लिए ये मंत्री इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करेंगे, क्या भाजपा के नेताओं को यही प्रशिक्षण दिया गया है कि जिनसे उनके विचार नहीं मिले, उनके साथ आप इस प्रकार की लट्ठमार भाषा का प्रयोग करो, उन्हें गालियों से नवाजो, अगर ऐसा है तो भाजपा ने एक नई परम्परा की शुरुआत कर दी।

राजनीतिक पंडितों की माने तो एक मंत्री की ये भाषा स्पष्ट करती है कि उनका चुनाव प्रचार किस दर्जे को प्राप्त कर चुका है, आम तौर पर चुनाव प्रचार में लोग अपने विरोधियों के लिए भी शिष्ट भाषा का प्रयोग करते हैं, और अपने बातों से खासकर रुठे मतदाताओं को भी अपने खेमे में लाने के लिए बेहतर व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, लेकिन जिस प्रकार से रामचंद्र चंद्रवंशी ने एक युवा मतदाता के लिए जिन भाषा का प्रयोग किया, गालियां दी, धमकी दी, पूरा इलाका ही फिलहाल गुस्से में हैं।

dpadmin
dpadminhttp://www.deshpatra.com
news and latest happenings near you. The only news website with true and centreline news.Most of the news are related to bihar and jharkhand.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments