रांची : गुणवत्तायुक्त शिक्षा से समाज सशक्त और समृद्ध होता है। शिक्षा से समाज को नई दिशा मिलती है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा सर्वसुलभ हो सके, इस दिशा में सामूहिक प्रयास आवश्यक है। उक्त बातें झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने बुधवार को होटल रेडिसन ब्लू में एसोचैम द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार सह शिक्षा पुरस्कार समारोह में अपने संबोधन में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता से कभी समझौता न हो, इसका ध्यान रखना जरूरी है। शिक्षा और साक्षरता से आजीविका को जोड़ना वर्तमान समय की मांग है। श्री महतो ने कहा कि डिग्री के साथ-साथ युवाओं में हुनर विकसित करने के लिए भी कदम उठाया जाना चाहिए। जीविकोपार्जन के लिए युवाओं को रोजगार से जोड़ने की ठोस पहल हो, इस दिशा में भी सबों का सामूहिक प्रयास जरूरी है। उन्होंने स्कील ओरिएंटेड एजुकेशन पर बल देते हुए कहा कि इससे युवा वर्ग को बेरोजगारी से निजात मिल सकेगा। वहीं, उच्च शिक्षा के विकास के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। वर्तमान समय की मांग के मुताबिक आयोजित इस प्रकार के शैक्षणिक सेमिनार और शिक्षा के विषय पर चर्चा के लिए उन्होंने एसोचैम के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि झारखंड में शिक्षा का विकास हो और यह राज्य शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल बने, इस दिशा में सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर सामूहिक प्रयास किया जाना जरूरी है। इसमें सबों की सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सदैव कर्म में विश्वास करते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे ईमानदारी पूर्वक बखूबी निभाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा में झारखंड राज्य अव्वल हो, इस दिशा में वह सतत प्रयासरत रहेंगे। निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों से भी उनकी अपेक्षा है कि शिक्षा के विकास में भरपूर सहयोग करें। इस अवसर पर समारोह में मौजूद विशिष्ट अतिथि स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि झारखंड में उच्च शिक्षा में काफी सुधार हुआ है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा का विस्तार हुआ है। झारखंड में एजुकेशन स्किल डेवलपमेंट के लिए भी प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि सुदूरवर्ती इलाकों में शिक्षा का अलख जगाने वाले शैक्षणिक संस्थानों को सरकार हर संभव सहयोग करेगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के उद्यमी स्कूल खोलने की दिशा में आगे आएं, सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध कराएगी। श्री सिंह ने बताया कि बायोमेट्रिक पद्धति से शिक्षकों की उपस्थिति में काफी वृद्धि हुई है। इससे साक्षरता दर भी बढ़ा है। स्कूलों में आधारभूत संरचनाएं विकसित हुई है। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में आशातीत सुधार हुआ है। कार्यक्रम में एसोचैम के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल सौरभ सान्याल ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में उपलब्धियां काफी संतोषप्रद है। उद्यमिता विकास से सभी को जोड़ने से रोजगार सृजन की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने सेमिनार के विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। वहीं, एसोचैम झारखंड के स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के को- चेयरमैन व अडानी फाउंडेशन के स्किल डेवलपमेंट के हेड जतिन त्रिवेदी ने राष्ट्रीय सेमिनार और शिक्षा पुरस्कार के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से शैक्षणिक वातावरण विकसित होता है। जिसका लाभ समाज को मिलता है। कार्यक्रम के दौरान एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन के को-चेयरमैन और शोभित विश्वविद्यालय, मेरठ के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र ने उद्योग के क्षेत्र में देश के वर्तमान परिदृश्य और रोजगार सृजन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में एसोचैम, रांची रीजनल कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक भरत कुमार जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इसके पश्चात राष्ट्रीय सम्मेलन को कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इसमें अमिटी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ आर के झा, मेरे नन्हे कदम, रांची की निदेशक श्रीमती विभा सिंह, यूरो किड्स स्कूल, रांची की प्रिंसिपल अनुपमा सिन्हा, शोभित विश्वविद्यालय के निदेशक और झारखंड एजुकेशन डेवलपमेंट काउंसिल के देवेंद्र नारायण, उषा मार्टिन विश्वविद्यालय के प्रत्यूषा विश्वास सहित अन्य शामिल थे।
शिक्षा पुरस्कार से इन्हें क्या-क्या सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि और सराहनीय कार्य करने वाले संस्थानों को पुरस्कृत किया गया। इनमें उषा मार्टिन विश्वविद्यालय, माधव विश्वविद्यालय, न्यू दिल्ली स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, एमिटी विश्वविद्यालय, झारखंड, फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, स्वामी विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कलिंगा यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का पुरस्कार शोभित विश्वविद्यालय के कुंवर शेखर विजेंद्र और डॉ. अखिलेश कुमार को दिया गया। समारोह में काफी संख्या में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि और प्रबुद्ध वर्ग के लोग मौजूद थे।