Saturday, April 20, 2024
HomeDESHPATRAजनजातीय दर्शन पर आयोजित तीन दिवसीय अंतराराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ समापन

जनजातीय दर्शन पर आयोजित तीन दिवसीय अंतराराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का हुआ समापन

समापन सत्र के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा- आदिवासियों का जीवन ही उनका दर्शन है। 10-15 फरवरी तक नेतरहाट में देशभर के जनजातीय लोक कलाकार जुटेंगे।

रांची : डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान और कल्याण विभाग द्वारा आड्रे हाउस में आयोजित जनजातीय दर्शन पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फेंस के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा की जनजातीय समाज के लोगों में सहचर जीवन व्यवस्था का महत्व है। यह इनके जीवन और दर्शन से जुड़ा हुआ है, इसलिए इससे हटकर कुछ सोचना वे पसंद नहीं करते. वर्ग और प्रजाति के आधार पर सभी अलग-अलग हैं, लेकिन कई अध्ययनों के आधार पर इस तरह की सहचर जैसी समानता सभी जगह के जनजातीय समाज में मिलती है. जनजातीय समुदाय की चारित्रिक विशेषता सभी जगह एक ही तरह की पायी जाती है, जिसे वह बदलना नहीं चाहते हैं. यह एक चक्र की तरह है. पुरानी चीजें नए रूप में पुन: प्रस्तुत होती है. इस अवसर पर उन्होंने आदि दर्शन स्मारिका का विमोचन भी किया. श्री मुण्डा ने कहा कि पहली बार डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के द्वारा इसका आय़ोजन हुआ है, जिसमें आदिवासी दर्शन पर मंथन किया गया. इससे प्राप्त ऐतिहासिक तथ्यों पर अनुभव का लाभ समाज को मिलेगा.

प्रकृति को सहचर के रुप में देखता है जनजातीय समुदाय

जनजातीय समाज पूरी प्रकृति को सहचर के रुप में देखता है और यह बहुत बड़ा दर्शन है. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज प्रकृति का अनुचर नहीं है. इस समाज के लोग सरल स्वभाव के होते हैं। वे ज्यादा बोलते नहीं हैं. इसलिए कभी-कभी इसे उनकी कमजोरी समझा जाता है, जबकि वे प्रकृति के साथ एकांत में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि जनजातियों का जीवन ही उनका दर्शन है. उन्होंने आजतक कोई कानून नहीं बनाया है. उन्होंने जरुरी बातों को अपने जीवन का अंग बना लिया. जनजातीय समाज ने दस्तावेज बनाना जरुरी नहीं समझा.

एकांत में रहना पसंद करते हैं

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि जनजातीय समाज के लोगों के जीवन का आकलन किया जाए तो पता चलता है कि वे उत्पति के साथ जुड़े हुए हैं, इसलिए वे एकांत में रहना ज्यादा पसंद करते हैं.

10-15 फरवरी तक नेतरहाट में देशभर के जनजातीय लोक कलाकार जुटेंगे

कल्याण विभाग की सचिव हिमांडी पांडे ने कहा कि 10-15 फरवरी तक नेतरहाट में देशभर के जनजातीय लोक कलाकार जुटेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि झारखंड के कलाकार भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराएंगे.

समापन समारोह में उपस्थिति

समापन समारोह में संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस एन मुंडा और सेंट जेवियर्स कॉलेज के प्राध्यपक संतोष किड़ो के अलावा बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे.

dpadmin
dpadminhttp://www.deshpatra.com
news and latest happenings near you. The only news website with true and centreline news.Most of the news are related to bihar and jharkhand.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments