देवघर/कास : एक अप्रैल को आजादी के प्रथम शहीद को भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइज़ेशन जिला कमेटी देवघर के कोषाध्यक्ष सीताराम पंडित द्वारा लोक डाउन का पालन करते हुए अपने घरों में श्रद्धा के सुमन अर्पित किए।
रामचंद्र विद्यार्थी का जन्म 1 अप्रैल 1929 को उतर प्रदेश के देवरिया जिले के नौतन हतियागढ गांव में बाबूलाल प्रजापति के घर हुआ। रामचन्द्र विद्यार्थी सातवीं कक्षा में पढ़ते थे और आजादी के दीवाने थे । 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन का ऐलान किया था। रामचन्द्र विद्यार्थी इस आंदोलन में कूद पडे थे और उन्होंने 14 अगस्त 1942 को ही देवरिया कचहरी पर तिरंगा फहरा दिया था उसी समय अंग्रेजों ने उनको एवं उनके साथियों को गोली का शिकार बना दिया था जिसमें वे शहीद हो गए। उन्होंने मात्र 13 वर्ष की उम्र में देश के लिए अपनी जान दे दी।
मगर बड़े खेद का विषय है कि इतिहास में इनके बारे में बहुत कम जानकारी है। और न ही सरकारी तौर पर इन्हे याद किया जाता है।