बख्तियारपुर/करनौती : होली को हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार में से एक माना जाता है. माना जाता है कि होली के आने से मनुष्य के जीवन में नए रंग भरते हैं और नई उत्साह का सृजन होता है. एक तरफ से कहा जाए तो होली मनुष्य में नवजीवन का उद्गार करती है. पटना जिले के पूर्व में करनौती गांव ( जिसे बाबा तेजेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है) में “करनौती होली गीत” नाम से पुस्तक का वरिष्ठ ग्रामीणों के द्वारा लोकार्पण किया गया. पुस्तक के रचयिता और संपादक श्री सुनील सौरभ हैं जो करनौती ग्राम के ही निवासी हैं. वैसे तो सुनील सौरभ कई पुस्तकों को अपने शब्दों से सुशोभित कर चुके हैं, लेकिन “करनौती होली गीत” के संबंध में उनका कहना है कि आज के इस आधुनिक दौर में हम सभी अपने गौरवमयी परंपरागत संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. उनका कहना है कि होली दिलों के मिलन का त्यौहार है और इस पर्व के बहाने हम सब अपने सारे भेदभाव को भूलकर एक दूसरे के साथ अपनी खुशियों को बांटते हैं.
करनौती ग्राम के ही वरिष्ठ नागरिक श्री रघुवंश नारायण सिंह का कहना है कि हमारे पूर्वजों के द्वारा जो सौगात हमें दी गई है उसे कभी मिटने नहीं देंगे. आने वाली पीढ़ी के लिए यह किताब एक मार्गदर्शन का काम करेगी. करनौती के ही रिटायर्ड पुलिस अधिकारी श्री उमेश सिंह ने इस किताब के लेखक श्री सुनील सौरभ को धन्यवाद देते हुए कहा की आज की युवा पीढ़ी हमारे संस्कृतियों को भूलते जा रही है. इस किताब ने युवाओं में नई ऊर्जा का सृजन किया है और यह पूर्ण विश्वास है कि हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे गौरवशाली इतिहास में चार चांद लगाएंगे. जहां तक करनौती की बात करें तो पूरे प्रदेश में संस्कृति और शिक्षा के मामले में एक सम्मानित मुकाम हासिल किए हुए है. लगभग 400 साल से इस गांव में हर पर्व को परंपरागत तरीके से मनाया जाता है जिसकी धूम चारों तरफ फैली हुई रहती है.
करनौती के वरिष्ठ राजनेता श्री अशोक सिंह का कहना है कि आज के समय में होली के वास्तविक रूप लगभग विलुप्त होते जा रहे हैं. यह पुस्तक होली के रमणीक गीतों को नई ऊर्जा देने में सहायक होगी. युवाओं में नया जोश भरेगी. आज के युवा ही कल के आधार हैं. हमारी संस्कृति युवाओं के कंधे पर है जिसे यह पुस्तक एक सशक्त मार्गदर्शन देगी.
करनौती के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी श्री योगेंद्र प्रसाद सिंह, भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त श्री हरि ओम प्रकाश सिंह एवं अन्य प्रबुद्ध ग्रामीणों ने इस पुस्तक की काफी प्रशंसा की एवं पूर्वजों के परंपरागत संस्कृति और विरासत को मान सम्मान सहित आगे ले जाने का संकल्प लिया.