दिल्ली : नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तिरुवनंतपुरम में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और भाजपा पर निशाना साधा।चिदंबरम ने कहा, अमित शाह को राज्यसभा और लोकसभा में हुए बहस को फिर से सुनना चाहिए, उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया और अब वह इस पर बहस के लिए राहुल गांधी को चुनौती दे रहे हैं। इस कानून के बारे में सरकार द्वारा जो कुछ भी बताया जा रहा है, सब कुछ गलत है।
चिदंबरम ने कहा, डीजीपी और आर्मी जनरल को सरकार का समर्थन करने के लिए कहा जा रहा है, यह शर्म की बात है। हम जनरल रावत से अपील करते हैं, आप सेना के प्रमुख हैं, आप अपने पद की गरिमा का ध्यान रखें। यह सेना का काम नहीं है कि हम राजनेताओं को बताएं कि हमें क्या करना चाहिए, क्योंकि यह हमारा काम नहीं है कि हम आपको बताएं कि युद्ध कैसे लड़ा जाए।
#WATCH P Chidambaram: DGP&Army General are being asked to support govt, it’s a shame. Let me appeal to Genaral Rawat,you head the Army&mind your business. It’s not business of Army to tell politicians what we should do, just as it’s not our business to tell you how to fight a war1,9042:31 PM – Dec 28, 2019Twitter Ads info and privacy1,110 people are talking about this
बता दें कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा था कि नेता जनता के बीच से उभरते हैं, अगर कोई नेता आगजनी और हिंसा भड़काने के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेज के छात्रों व जनता को उकसाता है तो वह नेतृत्व नहीं कर सकता। नेता वही है जो जनता को सही दिशा में लेकर जाए।
जनरल बिपिन रावत ने कैंपस में छात्रों के हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व करने पर नाराजगी जाहिर की थी। रावत ने विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। उनके इस बयान पर अब राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सेनाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था। दिग्विजय ने जहां सांप्रदायिक आधार पर हिंसा को लेकर सवाल पूछा तो वहीं ओवैसी ने उन्हें अपने कार्यक्षेत्र तक सीमित रहने की सलाह दी।