राही सरनोबत की पिस्टल निशानेबाजी पर  देश सदैव गौरांवित होता रहा है 

(30 अक्टूबर, भारत की पहली महिला पिस्टल निशानेबाज राही सरनोबत के जन्मदिन पर विशेष)

 राही सरनोबत की पिस्टल निशानेबाजी पर  देश सदैव गौरांवित होता रहा है 

भारत की पहली महिला पिस्टल निशानेबाज राही सरनोबत की  निशानेबाजी से भारत सदैव गौरवान्वित होता रहा है। राही सरनोबत की अचूक निशानेबाजी यह बताती है कि महिला किसी भी क्षेत्र में पूरी शिद्दत के साथ काम में जुड़ जाए तो वह पुरुषों से किसी भी मायने में कमतर साबित नहीं हो सकती है । राही सरनोबत, अर्जुन की तरह एक समर्पित निशानेबाज रही हैं। उनका बचपन से ही  पिस्टल निशानेबाजी का शौक था। उसने बहुत ही मेहनत से पिस्टल निशानेबाजी को गुर को सीखा व आत्मसात किया। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करने के बावजूद भी राही सरनोबत ने यह कहा कि 'आज भी मैं नियमित रूप से पिस्टल निशानेबाजी  का अभ्यास करती रहती हूं। मैं  हर बार यह सोचकर  निशानेबाजी करती हूं, कि पहली बार कर रही हूं।' भारत को अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर गौरांवित करने वाली राही सरनोबत निश्चित तौर पर देश  की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं। राही सरनोबत की पिस्टल निशानेबाजी से प्रेरित होकर कई महिलाएं इस क्षेत्र में आगे आईं और अच्छा परिणाम दे रही हैं। 
 राही सरनोबत का जन्म महाराष्ट्र के  कोल्हापुर में 30 अक्टूबर 1990 को  हुआ था। वह बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा की धनी रही।  पढ़ाई अथवा खेल, दोनों क्षेत्र में आगे रही।। इस प्रतिभा के कारण वह शुरू से ही स्कूल में चर्चित रही । शिक्षक गण भी उसे बहुत ही आदर किया करते थे। इसीलिए स्कूल के दिनों में उसे  एनसीसी प्रशिक्षण के तहत आग्नेयास्त्रों से परिचित कराया गया था। उन्होंने कम उम्र से ही आग्नेयास्त्रों के इस्तेमाल में स्वाभाविक कौशल का प्रदर्शन किया। खेल के शुरुआती दिनों में राही सरनोबत को अपने गृहनगर कोल्हापुर में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और सुविधाओं से जूझना पड़ा। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गईं, उनका झुकाव पिस्टल शूटिंग की ओर बढ़ता गया । लेकिन कोल्हापुर में जो प्रशिक्षण और सुविधा चाहिए, इस लिहाज से यह जगह उसके लिए उपयुक्त नहीं प्रतीत हो रहा था। उनकी प्रेरणा साथी महाराष्ट्रीयन और 50 मीटर राइफल प्रो विश्व चैंपियन तेजस्विनी सावंत रही हैं । उनसे ही प्रेरित होकर उसने अपने खेल में पिस्टल निशानेबाजी को चुना था। इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए जब वह कदम आगे बढ़ा रही थी, तब प्रारंभ में परिवार के लोगों ने उतना मदद नहीं किया । वहीं दूसरी ओर आसपास के लोगों ने भी पसंद किया लेकिन था। लेकिन राही सरनोबत अत इन बातों की परवाह किए बिना पिस्टल शूटिंग की ओर कदम बढ़ा चुकी थी। वह पिस्टल शूटिंग की ओर पूरी शिद्दत के साथ जुट गईं। भविष्य में इसका क्या परिणाम होगा ? इस बात की उसने तनिक भी चिंता नहीं की।
 इसके बाद उन्होंने मुंबई में प्रशिक्षण लेने का फैसला किया। मुंबई में बेहतर सुविधा थी ।  पिस्टल कोच,  राही सरनोबत की प्रतिभा देखकर बहुत प्रभावित हुए ।  राही सरनोबत बहुत ही मन लगाकर पिस्टल कोचिंग का प्रशिक्षण लेना प्रारंभ किया। आगे  चलकर वह भारत की एक महिला एथलीट साबित  हुईं, जो 25 मीटर पिस्टल शूटिंग स्पर्धा में प्रतिस्पर्धा करती हैं। उन्होंने भारत के पुणे में 2008 के राष्ट्रमंडल युवा खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था ।  वह भारत के लिए एशियाई खेलों में शूटिंग में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।   उन्होंने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में 2018 में जकार्ता पालेमबांग एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इसके  बाद वह दिल्ली में 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीती।  दो स्वर्ण में से पहला अनीसा सैय्यद के साथ 25 मीटर पिस्टल जोड़ी स्पर्धा में आया । उन्होंने इससे पहले 2008 के युवा राष्ट्रमंडल खेलों में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में सफलता हासिल का परचम लहरा दिया था। 
 पैंतीस वर्षीय राही सरनोबत एक के बाद एक कर पिस्टल शूटिंग के क्षेत्र में पदक प्राप्त कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करती गईं।  वह  पीछे मुड़कर कभी देखी नहीं बल्कि उसके कदम लगातार आगे बढ़ते ही रहे हैं। भारत सहित विश्व की महिलाओं के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी थी। उसने महिलाओं की शूटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व किया।आईएसएसएफ विश्व कप 2013 चांगवोन 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी शानदार प्रदर्शन किया। 2019 म्यूनिख 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में परचम लहरा दिया। 2021 दिल्ली में 25 मीटर पिस्टल टीम का नेतृत्व किया। उसने 2021 ओसिजेक 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया।  2021 दिल्ली 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। 2011 फोर्ट बेनिंग 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में परचम लहरा दिया। 2021 ओसिजेक 10 मीटर पिस्टल टीम राष्ट्रमंडल खेल में शानदार प्रदर्शन किया । 2010 दिल्ली 25 मीटर पिस्टल जोड़ी निशानेबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। ‌ 2014 ग्लासगो 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी में शानदार प्रदर्शन किया। 2010 दिल्ली 25 मीटर पिस्टल एशियाई खेल में भी शानदार प्रदर्शन किया।‌ 2018 जकार्ता पालेमबांग 25 मीटर पिस्टल निशानेबाजी प्रतियोगिता मैं शानदार प्रदर्शन किया। 2014 इंचियोन 25 मीटर पिस्टल टीम में भी शानदार प्रदर्शन किया।
 इन उपलब्धियां के साथ ही राही सरनोबत विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली पिस्टल निशानेबाज बनीं। यह  संपूर्ण देश के लिए एक गौरव की बात रही । जब उन्होंने चांगवोन में आईएसएसएफ विश्व कप में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा जीती। संपूर्ण विश्व की निगाहें राही सरनोबत पर टिकी हुई थी।  वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पिस्टल निशानेबाज के  रूप में चर्चित हो चुकी थी। उन्होंने ग्लासगो में 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।  2014 में ही उन्होंने इंचियोन में 2014 के एशियाई खेलों में 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीती।  जहां  उन्होंने अनीसा सैय्यद और हीना सिद्धू के साथ टीम बनाई ।  2015 में एक दुर्घटना के कारण लगी चोट राही  सरनोबत के लिए एक झटका बनकर आई।  इस चोट ने उनकी कोहनी को प्रभावित किया।  इस चोट से उबरने में उसे  तरह लगभग दो साल लग गए। इसके बाद ही उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय टीम में वापसी की और जर्मन कोच मुंखबयार दोर्जसुरेन के साथ काम करना शुरू किया ।  विडंबना यह रही कि वह 2012 ओलंपिक में डोर्जसुरेन सरनोबैट के प्रतिद्वंद्वियों में से एक थी। 
 इस चोट से ठीक होने के बाद वह धीरे-धीरे कर पिस्टल निशानेबाजी में कदम बढ़ा रही थीं। उसने फोर्ट बेनिंग में 2011 विश्व कप स्पर्धा में कांस्य पदक प्राप्त किया। इस पदक के बाद उसे 2012 में लंदन ओलंपिक के लिए चुना गया, जिससे वह ओलंपिक में 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल स्पर्धा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाली पहली महिला भारतीय निशानेबाज बन गईं।  2015 में राही  सरनोबत को नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया  द्वारा देश के प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार के लिए अनुशंसित किया गया था।  2018 में वह गेम्स रिकॉर्ड स्कोर के साथ 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा जीतकर शूटिंग में व्यक्तिगत एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बनने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने स्वर्ण जीतने के लिए अपने थाई प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ शूट-ऑफ जीती। ओसिजेक में आईएसएसएफ विश्व कप में राही सरनोबत ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीती।  राही सरनोबत ने 591 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल में 39 अंक बनाए। फाइनल में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें टोक्यो का टिकट दिलाया। राही सरनोबत ने 2019 में म्यूनिख विश्व कप प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता और उन्हें 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए चुना गया था।
 राही सरनोबत का अब तक का पिस्टल निशानेबाजी का कैरियर बहुत ही शानदार रहा है । वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से निकाल कर  आगे आई हैं। निश्चित तौर वह पर भारत की महिलाओं के लिए एक प्रेरणा की कुंज बन चुकी है।  वह विपरीत परिस्थितियों में भी जरा भी तक डगमगाई नहीं बल्कि चुनौतियों का सामना बहुत ही धैर्य के साथ किया। वह  गंभीर रूप से चोटिल होने के बावजूद पहले स्वस्थ हुईं। उसके बाद फिर से पिस्टल निशानेबाजी के  मैदान में आईं । इसके बाद एक के बाद एक पदक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम करती गईं।