सत्संग भगदड़ हादसे के बाद हाथरस में हर जगह मातम का माहौल है. इस दर्दनाक हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना, उसकी आंखे भर आई. देश के कई राज्यों से सत्संग में पहुंचे लोग ऐसे हादसे का शिकार हो गए, जिसके बारे में शायद ही उन्होंने कभी सोचा हो. कई परिवार वाले अपने घर के लापता लोगों को तलाश रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपने परिवारों से हमेशा के लिए जुदा हो गए. ये हादसा कितना भयावह है, इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि घटनास्थल पर लाशों का ढेर लगा हुआ था. जब ये शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे, तो वहां ड्यूटी पर तैनात सिपाही इतने शवों को देखकर इतना घबराया कि उसे हार्ट अटैक आ गया, इसके बाद उसे इलाज के लिए ले जाया गया. मगर बदकिस्मती से डॉक्टर्स भी सिपाही को नहीं बचा सके. इस सत्संग हादसे ने लोगों के जेहन में इतनी बुरी यादें छोड़, जिन्हें शायद ही कोई जिंदगी भर भुला सकें.
एसडीएम ने बाबा के चेलों को धक्का मुक्की करने का दोषी बताया
हाथरस के एसडीएम ने ज़िलाधिकारी को इस मामले की रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट में एसडीएम ने बाबा के चेलों को धक्का मुक्की करने का दोषी बताया है. एसडीएम ने कहा है कि वो ख़ुद कार्यक्रम स्थल पर थे. भीड़ दो लाख से ज़्यादा थी. इसी बीच कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद जब बाबा का काफिला निकला, तब भीड़ उनके चरण रज लेने के लिए आगे बढ़ने लगी. बाबा के सेवादार लोगों को रोकने के लिए धक्का मुक्की करने लगे. नतीजा ये हुआ कि कुछ लोग गिर गये और अफ़रातफ़री मच गई.
इस हादसे के बाद से दादी अपनी पोती की तलाश में दर-दर भटक रही है. उर्मिला अपनी पोती के साथ बाबा के सत्संग में पहुंची थी, लेकिन यहां वो उनसे बिछड़ गई. दादी ने दर्दभरी आवाज में बताया कि वो सत्संग में अपनी 16 साल की पोती के साथ आई थीं. लेकिन धक्का-मुक्की में पोती उनसे बिछड़ गई. अपनी पोती के इंतजार में दादी रातभर अस्पताल में बैठी रहीं. उनसे जब पूछा गया कि क्या हुआ- तो उन्होंने बताया कि भगदड़ मची, लेकिन कुछ ना पतो क्या भयो… अब घरवाले पूछेंगे कि बेटी कहां गई. यह कहते वह रो पड़ीं और बोलीं इसलिए मैं घर नहीं जा पाई. पोती नहीं मिलेगी तो घर नहीं जाऊंगी. देश के कई राज्यों से सत्संग में पहुंचे लोग ऐसे हादसे का शिकार हो गए, जिसके बारे में शायद ही उन्होंने कभी सोचा हो. कई परिवार वाले अपने घर के लापता लोगों को तलाश रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपने परिवारों से हमेशा के लिए जुदा हो गए. ये हादसा कितना भयावह है, इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि घटनास्थल पर लाशों का ढेर लगा हुआ था.
घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे यूपी सीएम
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस सत्संग हादसे में घायल लोगों का हाल-चाल जानने के लिए अस्पताल पहुंच चुके हैं. इसके बाद यूपी सीएम घटनास्थल का भी जायजा लेंगे. इस मामले को लेकर यूपी सीएम अधिकारियों और नेताओं संग बैठक भी की. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पुलिस लाइन में हालात का जायजा भी लिया.
हाथरस हादसे का जिम्मेदार कौन, कहां हैं नारायण साकार उर्फ भोले बाबा..?
हाथरस में सत्संग में हुए हादसे का जिम्मेदार कौन, अब इस सवाल का जवाब तलाशा जा रहा है. इस बीच नारायण साकार उर्फ भोले बाबा की कहीं कोई खबर नहीं है. आखिर, इतने बड़े हादसे के बाद बाबा कहां छिप गए? 121 लोगों की मौत के बाद बाबा, अपने भक्तों को अकेला छोड़कर कहां गायब हो गए? इस हादसे के बाद से बाबा के बारे में कुछ पुख्ता जानकारी नहीं मिली है. एनडीटीवी की ग्राउंट रिपोर्ट के मुताबिक, नारायण साकार उर्फ भोले बाबा हादसे के बाद अपने मैनपुरी वाले आश्रम में चले गए थे.