Monday, July 8, 2024
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नवनिर्वाचित सांसद मनीष जायसवाल  के ‘आभार यात्रा’ के निहितार्थ

पूर्व सांसद जयंत सिन्हा को टिकट नहीं दिए जाने पर पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन छोड़ दिया । पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मनीष जायसवाल को हराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। लेकिन मनीष जायसवाल बिना विचलित हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर ताल मेल स्थापित कर का चुनाव जीता।

हजारीबाग लोक सभा संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद मनीष जायसवाल चुनाव जीतने के बाद ‘आभार यात्रा’ के माध्यम से अपने क्षेत्र के मतदाताओं के घर जाकर आभार प्रकट कर रहे हैं । यह एक अनूठा राजनीतिक पहल है । इस यात्रा की चर्चा सिर्फ झारखंड में ही नहीं बल्कि देशभर में हो रही है। अक्सर नेता चुनाव जीतने के बाद अपने क्षेत्र के लोगों को भूल जाते हैं। वहीं मनीष जायसवाल मतदाताओं के घर जाकर आभार प्रकट कर रहे हैं। इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। खैर ! जो भी मायने निकले ? लेकिन मनीष जायसवाल ने इस यात्रा के माध्यम से एक लंबी राजनीति लकीर खींचने का सार्थक प्रयास किया है।
मनीष जायसवाल के कदम राजनीति के क्षेत्र में धीरे-धीरे कर आगे बढ़ते ही चले जा रहे हैं। वे भाजपा के एक निष्ठावान नेता के रूप में झारखंड सहित राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में अपनी सदस्यता ग्रहण करने के पश्चात पार्टी में उन्हें जो भी दायित्व सौंपा, उसका निर्वाहन उन्होंने पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पूरा किया। यही कारण है कि भाजपा ने दो बार विधायक रहे मनीष जायसवाल को हजारीबाग लोकसभा संसदीय क्षेत्र से टिकट देकर एक बेहतर अवसर प्रदान किया।‌ मनीष जायसवाल ने यह चुनाव बहुत ही सूझबूझ के लड़ा। पूर्व सांसद जयंत सिन्हा को टिकट नहीं दिए जाने पर पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन छोड़ दिया । पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मनीष जायसवाल को हराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। लेकिन मनीष जायसवाल बिना विचलित हुए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर ताल मेल स्थापित कर का चुनाव जीता।
मनीष जायसवाल अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पिता के व्यवसाय से जुड़कर कारोबार को आगे बढ़ाते हुए सबसे पहले समाज सेवा जुड़े । उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई । आगे पिता ब्रजकिशोर जायसवाल के पद चिन्हों पर चलते हुए उन्होंने सर्वप्रथम झारखंड विकास मोर्चा की सदस्यता ग्रहण की थी। झारखंड विकास मोर्चा की सदस्यता ग्रहण करने के पश्चात ही उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। इस पार्टी में भी एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के भाजपा में विलय के बाद मनीष जायसवाल ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
मनीष जायसवाल ने भाजपा में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कार्य प्रारंभ किया था। उन्होंने इस दौरान एक कार्यकर्ता के रूप में उल्लेखनीय व शानदार कार्य किया। वे भाजपा के एक कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहें।
मनीष जायसवाल की पार्टी के प्रति कर्तव्य निष्ठा को देखकर भाजपा ने 2014 के विधानसभा के चुनाव में उन्हें हजारीबाग सदर से उम्मीदवार बनाया । वे इस चुनाव में भारी मतों से जीतकर झारखंड विधानसभा में पहुंचे। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी भारी मतों से जीतकर सदन पहुंचे। एक विधायक के रूप में अपनी शानदार उपस्थिति विधानसभा में दर्ज करते रहें हैं ।वे हमेशा अपने विधानसभा क्षेत्र सहित विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर अपनी आवाज भी सदन में बुलंद करते रहें हैं। वे हजारीबाग संसदीय सीट से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में जिधर भी जनसंपर्क अभियान में गए, क्षेत्र के लोगों ने मुक्त कंठ से उनका स्वागत किया। वे हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद आभार यात्रा के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों का आभार व्यक्त कर रहे हैं। इस आभार यात्रा में काफी संख्या में लोग जुट रहे हैं। साथ ही इस यात्रा की काफी चर्चा भी हो रही है।
वे बीते दस वर्षों से लगातार अपने क्षेत्र वासियों से नियमित रूप से मिलते रहे रहे हैं। वे सदा लोगों के दुख: सुख में साथ खड़े रहते हैं।
एक ओर वे भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक समाजसेवी के रूप में भी अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं। लगभग नौ माह पूर्व उन्होंने अपने भाई की 25 वीं सालगिरह पर एक सराहनीय पहल की किया । इस तरह की पहल संभवत झारखंड जैसे प्रांत के लिए पहली पहल कहीं जा सकती है । वे अपने खर्चे पर इस पहल के माध्यम से समाज के 25 जोड़ों को परिणय सूत्र में बांधकर स्वरोजगार से जोड़ने का काम किया। इस पहल से समाज के पिछड़े,अभिवंचित और गरीब वर्ग के बेरोजगार  युवक – युवतियों को मुख्य धारा से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास हुआ।
मनीष जायसवाल हजारीबाग सदर विधानसभा से दो बार विधायक बने, वे दोनों टर्म लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते रहे । सांसद बनने के बाद भी उनका यह कर्म जारी है। वे  एक दिन भी घर पर आराम नहीं करते हैं बल्कि बीमारी की हालत में भी दवा लेकर अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं के निदान में जुटे जाते हैं। अपने क्षेत्र का दौरा करने के दौरान ही उन्हें यह अहसास हुआ कि गरीब लड़के – लड़कियों के माता-पिता अपने बच्चों की शादी और रोजगार के लिए कितने चिंतित है ? ऐसे माता-पिता की चिंता को दूर करने के लिए ही उन्होंने 25 जोड़ों को प्रणय सूत्र में बांधकर उन्हें रोजगार से जोड़कर  एक मिसाल कायम किया ।
जब वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमण का दौर  चल रहा था, ऐसे वक्त में हजारीबाग के नवनिर्वाचित सांसद  मनीष जायसवाल घर से बाहर निकल कर  कोरोना से ग्रसित मरीजों की सेवा में लगे रहे थे। इस दौरान समाज के गरीब परिवार के लोग भूख से बीमार नहीं पड़ जाएं ,उन सबों के लिए स्वयं एवं अपने मित्रों के सहयोग से लोगों के यहां राशन एवं अन्य खाद्य सामग्रियां पहुंचाते रहे थे।  इसका परिणाम यह हुआ कि समाज के   अन्य सम्पन्न वर्ग  के लोग भी सामने आए।  इसका परिणाम यह हुआ कि समाज के एक भी लोग भूख से  बीमार नहीं पड़े।
उन्होंने पूरे कोरोना संक्रमण काल के दौरान बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए मुफ्त भोजन की भी व्यवस्था कर रखी थी। इस मुफ्त भोजनालय में प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में बच्चे, बूढ़े, जवान और स्त्री – पुरुष पेट भर खाना खाते थे । इस दौरान मनीष जायसवाल अपने हाथों से लोगों को भोजन करवाते रहते थे। उनका यह कार्य यही नहीं रुका बल्कि कोरोना से ग्रसित हर एक मरीज तक बेहतर से बेहतर चिकित्सा व्यवस्था पहुंचे, इस निमित्त वे बराबर अस्पताल के डॉक्टर, जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से आवश्यक बातचीत और निर्देश प्राप्त करते रहे थे।
मनीष जायसवाल एक अनुशासन प्रिय व्यक्ति होने के साथ  उदार चित के भी हैं । उनका व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों बेमिसाल है। वे एक मिलनसार व्यक्ति हैं।  वे मृदभाषी है।  उनके इस सहयोगी स्वभाव के कारण प्रतिदिन उनके आवासीय कार्यालय में सैकड़ो की संख्या में जरूरतमंद लोग आते रहते हैं।  यहां मनीष जायसवाल हर जरूरतमंद लोगों की फरियादों को सुनते हैं।  उनके दुख दर्द दूर कैसे हों ?  इस निमित्त वे  कोई ना कोई उपाय कर ही देते हैं। 
  वे बिना भेदभाव किए जो भी संभव सहयोग होता है, करते रहते हैं। जात – पात, वर्ण और धर्म की सीमाओं को लांघते हुए मनीष जायसवाल ने एक अलग छवि बनाई है।  कहने को तो वे भारतीय जनता पार्टी के एक नेता हैं।  लेकिन वे  समाज के हर तबके के लोगों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं ।
मनीष जायसवाल के समाज सेवा के संदर्भ में यह भी जानकारी मिली है कि वे हर वर्ष मैट्रिक की परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं को भी आर्थिक मदद किया करते हैं ।‌ समाज के गरीब तबके के छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए आर्थिक मदद करते रहते हैं । लेकिन इस बात की चर्चा वे  किसी से भी नहीं करते हैं।  इस बाबत उनसे पूछने पर उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि इस बात की चर्चा होने पर ऐसे छात्र – छात्राओं के मन  पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।  इसलिए इसकी चर्चा नहीं करता हूं। इसका प्रतिफल यह हुआ कि गरीब समाज के सैकड़ों लड़के –  लड़कियां मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण कर महाविद्यालय की पढ़ाई पूरी कर पाए।
हजारीबाग संसदीय क्षेत्र आजादी के बाद से ही एक महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र के रूप में दर्ज रहा है। महान स्वाधीनता सेनानी सह संविधान सभा के सदस्य बाबूराम नारायण सिंह हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से ही सांसद रहे थे। रामगढ़ राज्य के महाराज बाबू कामाख्या नारायण सिंह के छोटे भाई वसंत नारायण सिंह भी इसी संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय दामोदर पांडेय भी इसी संसदीय क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए थे। यशवंत सिन्हा हजारीबाग संसदीय सीट से ही चुनाव जीत कर केंद्र सरकार में वित्त मंत्री और विदेश मंत्री बने थे। जयंत सिन्हा भी इसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीतकर केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे। हजारीबाग संसदीय क्षेत्र कई मायने में बहुत ही महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र में इसकी गिनती होती है। ऐसे में मनीष जायसवाल का हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से भारी मतों से सांसद चुना जाना अपने आप में एक बड़ी बात है। एक और कांग्रेस पार्टी के जे.पी. पटेल को इंडिया गठबंधन का पूर्ण समर्थन प्राप्त हुआ था। यशवंत सिन्हा ने भी जे.पी. पटेल को जीत दिलाने के लिए पूरी कोशिश थी । इसके बावजूद मनीष जायसवाल का जीत जाना, उनके बेहतर राजनीतिक सूझबूझ और विचलित न होने का ही परिणाम है। अक्सर होता यह है कि चुनाव जीतने के बाद नेता अपने क्षेत्र के मतदाताओं को भूल जाते हैं, किंतु मनीष जायसवाल चुनाव जीतने के बाद आभार यात्रा के माध्यम से लोगों के घर जा कर कर आभार व्यक्त कर रहे हैं। यह यात्रा ही उनके भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगी।

Vijay Keshari
Vijay Kesharihttp://www.deshpatra.com
हज़ारीबाग़ के निवासी विजय केसरी की पहचान एक प्रतिष्ठित कथाकार / स्तंभकार के रूप में है। समाजसेवा के साथ साथ साहित्यिक योगदान और अपनी समीक्षात्मक पत्रकारिता के लिए भी जाने जाते हैं।
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