Sunday, May 12, 2024
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नेता- मंत्री व अधिकारी अपने संबंधियों को जेपीएससी के माध्यम से BDO,CO,DySP बनाने का काला धंधा चला रहे हैं – अभ्यर्थी ।

छठी जेपीएससी की पहली बार 51 सीटों के लिए 17 अगस्त 2015 विज्ञप्ति निकलता है जिसे सी- सेट विवाद के कारण वापस ले लिया गया। 6 अक्तूबर 2016 को नये सिरे से 326 सीटों के लिए विज्ञापन निकलता है।

छठी जेपीएससी परीक्षा में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आमरण अनशन का छठी दिन …

विवादित छठी जेपीएससी में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ सत्याग्रह सह आमरण अनशन इमाम सफी व अन्य जेपीएससी छात्र द्वारा बापू वाटिका, मोराबादी, राँची में जारी है ।

इनका मानना है , सरकार में काबिज नेता- मंत्री व अधिकारी अपने सगे संबंधियों को जेपीएससी के माध्यम से BDO,CO,DySP बनाने का काला धंधा चला रहे हैं।

पहली, दुसरी जेपीएससी की सीटें पुरी तरह से बिक चुकी थी । जिसमें नेता, मंत्री और अधिकारियों के सगे संबंधियों का नाम चर्चा में रहा। लोग गाय पर निबन्ध लिख कर डिप्टी कलेक्टर बन गये थे। निगरानी ने 19 भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया था ,लेकिन पैसा और पैरवी के बल पर पुनः बहाल हो गये जो आज तक झारखंड के जनता की खून चूसने का कार्य कर रहे हैं। CBI भी भ्रष्टाचार की पुष्टि कर चुकी है, फिर भी 10 वर्ष से जाँच कर ही रही है। आयोग के कई सदस्य जेल जा चुके हैं, कुछ फरार चल रहे हैं।
ठीक इसी तरह तीसरी,चौथी और पाँचवी जेपीएससी परीक्षा भी विवादित रहा ।
6ठी जेपीएससी ने सारे हदे पार कर दी है। इसमें 326 में लगभग 300 सीटें बिकने की जानकारी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रतिपक्ष में रहते मान चुके हैं छठीजेपीएससी में 50 से 60 सीटें बिक चुकी है। जिसका विरोध लगातार 4 वर्षों तक करते रहे, वे चार दिनों तक सदन नहीं चलने दिये थे। इसी क्रम में आमरण अनशन कर रहे छात्र इमाम सफी को आश्वासन देकर अनशन तुड़वाये थे ,हमरा सहयोग करें सत्ता में आते ही परीक्षा को रद्द करेगें।
परन्तु सत्ता मिलते ही अपने वादे से मुकर गए और नियुक्त देने को आतुर हैं।

छठी जेपीएससी विवाद

छठी जेपीएससी की पहली बार 51 सीटों के लिए 17 अगस्त 2015 विज्ञप्ति निकलता है जिसे सी- सेट विवाद के कारण वापस ले लिया गया।
6 अक्तूबर 2016 को नये सिरे से 326 सीटों के लिए विज्ञापन निकलता है।

प्रारम्भिक परीक्षा

प्रारंभिक परीक्षा 18 दिसम्बर 2016 को सम्पन्न होता है।

पहली रिजल्ट-

जिसका परिणाम 23 फरवरी 2017 को रिक्तियो की 15 गुणा 5138 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाता है। जिसमें आरक्षण का घोर उल्लंघन किया जाता है, जो परीक्षा को पुरी तरह विवादित कर देता है। 206 अंक लाकर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी सफल हो जाते हैं वहीं 264 अंक लाकर भी OBC वर्ग के अभ्यर्थी असफल हो जाते हैं। जिसका सड़क से सदन तक आन्दोलन होता है।

दूसरी रिजल्ट –

विवाद को देखते हुए आयोग दुसरी रिजल्ट 11 अगस्त 2017 को प्रकाशित करती है । इस बार अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी के बराबर अर्थात 206 अंक से ज्यादा अंक लाने वाले 965 छात्रों को जोड़कर 6103 अभ्यर्थी को सफल घोषित कर दिया गया। जिससे विवाद और गहरा हो गया। विज्ञप्ति के अनुसार रिजल्ट रिक्तियो के 15 गुणा से बढ़कर 19 गुणा हो गया, इसमें SC,ST छात्रों के साथ भेदभाव हो जाता है।
अभ्यर्थी आरक्षण के साथ 15 गुणा रिजल्ट की मांग करते हैं ।

तीसरी रिजल्ट –

जेपीएससी के अधिकारी व नेता- मंत्री के पुत्र-पुत्रियों को लाभ पहचाने के लिये नेतरहाट कैबिनेट बैठक में वैसे सभी अभ्यर्थियों को उतीर्ण करने का निर्णय लिया जाता है जो न्युनतम क्वालिफाइंग अंक लाये थे। इसके बाद तीसरा रिजल्ट 6 अगस्त 2018 को जारी किया जाता है, जिसमें 34634 अभ्यर्थी उतीर्ण होते हैं, जो रिक्तियो का 106 गुणा हो जाता है ।

साथ ही आयोग के सचिव के पुत्र की परीक्षा में लाभ पहुंचाने, आयोग के 16 कर्मचारियों की परीक्षा में शामिल होना और उनके द्वारा स्कुटनी कार्य में शामिल होना संदेह पैदा करता है।

मुख्य परीक्षा

विवादो के साये में मुख्य परीक्षा 28 जनवरी से एक फरवरी 2019 के बीच संपन्न होती है, जिसका लगभग 50% छात्रों ने वहिष्कार भी किया था।

मुख्य परीक्षा के समय कई गड़बड़ी सामने आई, दो वर्ष पुरानी प्रश्न पत्र से परीक्षा लेना, प्रश्न पत्र सील न होना, वस्तुनिष्ठ प्रश्न में पहले से टीक आउट मिलना जो भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है।

सत्याग्रह सह आमरण अनशन
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20 जनवरी 2020 से राँची के मोराबादी बापू प्रतिमा के समक्ष आमरन अनशन व सत्याग्रह इमाम सफी व कई छात्र नेताओं द्वारा प्रारंभ किया जाता है ,जो लगभग 60 दिनों तक जारी रहता है। 21 मार्च 2020 को लाॅकडाउन को ध्यान में रखते हुए विपक्ष के नेता बाबूलाल मरान्डी द्वारा अनशन तुड़वाया जाता है।

अंतिम परिणाम में गड़बड़ियाॅ
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इसी बीच तानाशाही हेमंत सरकार 14 फरवरी 2020 मुख्य परीक्षा की परिणाम जारी कर देती है और एक सप्ताह के अंदर साक्षात्कार लेकर अंतिम परिणाम लाॅकडाउन की स्थिति में 21 अप्रैल को प्रकाशित की जाती है ताकि विरोध न हो सके।

इसमें और भी कई गड़बड़ी सामने आई है , प्रथम पत्र क्वालिफाइंग पेपर से मेरिट बनाना जिससे अंग्रेजी जानने वाले छात्रों को फायदा पहुंचाया गया और हिन्दी या क्षेत्रीय भाषाओं को हानि पहुंचाया गया है। न्युनतम क्वालिफाइंग नम्बर का पालन नहीं करना, सेवा वितरण में भेदभाव, नेत्रहीन के सीट पर सामान्य अभ्यर्थी का चयन करना ।
जिसका पुरजोर विरोध हो रहा है। अभी तक 41 मुकदमे दायर किया जा चुका है। पास अभ्यर्थी भी 20 केस कर चुके हैं। इस प्रकार लाॅकडाउन के स्थिति में भी परीक्षा का विरोध जारी है।

छात्र उलगुलान पदयात्रा –

पिछले दिनों दान्डी मार्च की तर्ज पर 09 जून से 30जून के बीच भगवान बिरसा मुण्डा के जन्म स्थल उलिहातु ,खूँटी से 506 KM दूर साहेबगंज के भोगनाडीह जो सिद्धु- कान्हु का जन्म स्थल है। तक छात्र उलगुलान पदयात्रा किया गया । इसमें बिनोद नायक, इमाम सफी, रीना कुमारी ,अमरदीप रावत ,गुलाम हुसैन व अन्य द्वारा किया गया।

व्यक्तिगत सत्याग्रह सह आमरण अनशन

वर्तमान में 10 जुलाई से मोराबादी ,राँची में विवादित छठी जेपीएससी परीक्षा को रद्द की माँग को लेकर व्यक्तिगत सत्याग्रह सह आमरण अनशन इमाम सफी व अन्य छात्रों द्वारा प्रारंभ किया गया है।

मांग

छात्रों की मांग है, 6th जेपीएससी की अधियाचना वापस ली जाय और आने वाली सातवीं सिविल सेवा के साथ समाहित करते हुए परीक्षा ली जाय। बिहार के तर्ज पर प्रीमियम सेवा लागू करते हुए सभी परीक्षा नियमित व पारदर्शी तरीके से ली जाय।आयोग्र के भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया जाय।

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