रांची : कोई महिला घरेलू हिंसा की शिकार हो, पति से विवाद चल रहा हो या फिर उसे उसका वाजिब हक नहीं मिल रहा हो, या किसी गरीब को कानूनी मदद की जरूरत हो ऐसे लोगों के लिए वरीय अधिवक्ता राम सामाजिक कार्यकर्ता विजयलक्ष्मी के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैैं। विभिन्न क्षेत्रों से पीड़ित महिलाएं उनके द्वार पर मदद के लिए पहुंचती हैं। इस उम्मीद से कि विजयलक्ष्मी ही उनके दुखों को दूर कर सकती हैं। श्रीमती विजयलक्ष्मी घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की हर तरह से मदद करती हैं। उनके कानूनी अधिकारों के बारे में उन्हें बताती हैं। विजयलक्ष्मी न केवल महिलाओं की बल्कि गरीबों, असहायों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं। वह तकरीबन 20 साल से सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में अधिवक्ता के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने बी.काॅम के बाद एलएलबी किया। वकालत के पेशे से जुड़कर भी पीड़ित मानवता के सेवार्थ समर्पित हैं। महिलाओं को उनका हक दिलाने और उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करने की दिशा में भी वह सतत प्रयासरत रहती हैं। उन्होंने अपने वकालत के प्रैक्टिस के दौरान अनगिनत महिलाओं को उनका हक दिलवाया है। गरीबों की हर तरह से कानूनी मदद करना उनकी दिनचर्या में शुमार है। वह समय-समय पर स्वयंसेवी संस्थाओं और सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेकर महिलाओं को उनके कानूनी अधिकार बताकर उन्हें जागरूक करती हैं। विजयलक्ष्मी बताती हैं कि उन्हें असहायों की मदद कर काफी सुकून मिलता है जो और कहीं नहीं मिलता। महिलाओं के हितों के संरक्षण के लिए उल्लेखनीय योगदान हेतु अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर झारखंड हेल्थ और वेलफेयर सोसाइटी व “अपना घर” (स्वयंसेवी संस्था) द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। विजयलक्ष्मी ने पीड़ित मानवता की सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है।
बेसहारा और लाचार महिलाओं की मददगार हैं विजयलक्ष्मी
महिला हितों के संरक्षण के लिए हुईं सम्मानित
Sourceनवल किशोर सिंह