- रांची। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं यूनीसेफ, झारखंड के संयुक्त तत्वावधान में कोविड -19 महामारी में बाल सुरक्षा के उपाय ” विषय पर मंगलवार को उन्मुखीकरण ऑनलाइन परिचर्चा आयोजित किया गया। जिसमें रांची विश्वविद्यालय के 12 महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय विभागों के एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड महामारी में बच्चों को भरपूर प्यार और अधिक समय देकर उनको सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने कोरोना काल में अपने माता – पिता को खोया है, उनके साथ सहानुभूति एवं सम्मान देने की आवश्यकता है।उन्होंने बच्चों को घर में बने शुद्ध एवं पौष्टिक भोजन देने की अपील करते हुए कहा कि बाजार के खाद्य पदार्थों को बिल्कुल नहीं दें। उन्होंने कहा कि बच्चों की दिनचर्या जितनी व्यस्त होगी, उतना ही खुश रहेंगे। उन्होंने बच्चों को उनके दोस्तों से वीडियो कॉलिंग से बात करने देने की भी अपील की।
एन एस एस , गुवाहाटी के क्षेत्रीय निदेशक दीपक कुमार ने कहा कि कोविड के कारण बच्चें काफी प्रभावित हुए हैं एवं उनको स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन देना चाहिए।उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छे से हाथ धोने के लिए कहना, उनको तनाव से दूर रखना एवं उन्हें अपना दोस्त बनाकर बात करने से काफी हद तक उन्हें सुरक्षित किया जा सकता है। उन्मुखीकरण कार्यक्रम को एन एस एस , पटना के
क्षेत्रीय निदेशक पीयूष परांजपे ने संबोधित करते हुए कहा कि कोविड -19 महामारी के तृतीय लहार में बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की बात कही जा रही है एवं इनको टीका भी नहीं लगा है।उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को प्रभावित होने से बचाने के लिए अभी से सामूहिक प्रयास करना होगा।
आज के कार्यक्रम की मुख्य वक्ता यूनीसेफ, झारखंड की बाल सुरक्षा विशेषज्ञ प्रीति श्रीवास्तव ने संबोधित करते हुए बाल सुरक्षा के विभिन्न उपायों एवं बचाव के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि आपदा में बच्चें काफी प्रभावित हुए हैं एवं बाल समस्याएं काफी बढ़ी है । उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का कोई परिवार नहीं है या जो माता – पिता से बिछड़ जाते हैं, वे इस महामारी में काफी असुरक्षित हैं।उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के माता – पिता कोविड से प्रभावित हैं या बच्चें प्रभावित हैं तो इसकी सूचना 181 पर दिया जा सकता है एवं किसी बच्चा के ऊपर खतरा दिखाई दे तो इसकी सूचना 1098 या 100 पर कॉल करके सूचित किया जा सकता है। उन्होंने चाइल्ड एक्ट के बारे में विस्तार से बताया एवं एन एस एस के स्वयंसेवकों से चाइल्ड एक्ट की जानकारी एवं बच्चों के सुरक्षा हेतु जनजागरण चलाने की अपील की। कार्यक्रम में विषय प्रस्तावना एन एस एस, आरयू के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. ब्रजेश कुमार ने करते हुए कहा कि बच्चों का विद्यालय एवं खेलकूद गतिविधियां बंद है एवं एकाकी जैसा समय हो गया है। आवश्यकता है बच्चों को समय देना एवं व्यस्त रखना।
यूनीसेफ , झारखंड की संचार पदाधिकारी आस्था अलंग ने स्वागत भाषण दिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रियंका सिंह ने किया।
कार्यक्रम में डॉ. कुमारी उर्वशी, डॉ. भारती सिंह, डॉ. हेमंत कुमार, अपर्णा मिश्रा, डॉ. ऋषिकेश पाठक, डॉ. सुषमा एक्का , दिवाकर आनंद, राहुल कुमार साहू, शुभम गुप्ता, नवीन कुमार , रागिनी पाण्डेय, शिवानी अग्रवाल, नेहा कुमारी , प्रिंस तिवारी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
यूनिसेफ और एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित
बच्चों को भरपूर प्यार देकर उन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है : डॉ.कामिनी कुमार
Sourceनवल किशोर सिंह