आलोक पुराणिक:
काश, बेहतरीन बालर अश्विन कह रहे हैं कि काश वह बैट्समैन होते।
बेहतरीन बैट्समैन रहे पुजारा कह सकते हैं कि काश वह बैट्समैन नहीं, टाप क्लास वाले आईपीएल बैट्समैन होते। बाइक कार समेत तमाम आइटम बेचने को मिल सकते थे। आईपीएल को कई लोग कोस रहे हैं कि बताइये आईपीएल खेल कर थक जाते हैं हमारे प्लेयर कि फिर टेस्ट मैच में ढंग से खेल ना पाते और आस्ट्रेलिया से हार जाते हैं। पांच दिन अब कौन खेलता है। पुराने वक्तों की बातें हैं जब अफेयर पांच साल चलते थे और टेस्ट मैच पांच दिन। अब अफेयर तो पांच साल ना चलते, पर टेस्ट मैच पांच दिनों के ही चलाये जा रहे हैं, सो मामला खराब हो रहा है। यूं हो जाये कि ट्वेंटी ट्वेंटी को ही टेस्ट का दर्जा दे दिया जाये। बीसीसीआई के पास बहुत पैसे हैं, वह ट्वेंटी ट्वेंटी को ही टेस्ट का दर्जा दिलवा देगा।
पर तब तक हमारे प्लेयर ट्वेंटी ट्वेंटी खेलने में थकने लगे तो, फिर आखिरी उम्मीद तो एक एक ओवर के टेस्ट मैच से ही है। फिर एक दिन में चालीस टेस्ट मैच हो सकते हैं। काश।
कोई भी जहां है, वहां से खुश नहीं, काश का आकाश फैलाये हुए है। काश बहुत उम्मीदवाला शब्द है या खतरनाक शब्द है, यह अलग से चिंतन का विषय है। कई राज्यों के चीफ मिनिस्टर इन दिनों मार मचाये हुए हैं-काश पीएम बन जायें। कई राज्यों के मंत्रियों का काश यह है कि वह चीफ मिनिस्टर बन जाते। कई विधायकों के काश का आकाश मंत्री पद पर अटक जाता है। सबके अपने अपने काश हैं, सबके अपने अपने आकाश हैं।
पाकिस्तान का काश है कि इंटरनेशनल मानीटरी फंड से दो चार अऱब डालर मिल जाते। पाकिस्तान कर्ज समझकर मांगता है, पर देनेवाले भीख समझकर देते हैं,जिसके लौटने की उम्मीद बेकार है। पाकिस्तान का उधारखाऊ काश एकाध दशक नहीं , सात दशकों से चल रहा है।
पाकिस्तान का एक होटल है अमेरिका में होटल रुजवेल्ट, इस होटल को लीज पर दिया पाकिस्तान सरकार ने 22 करोड़ डालर में। पाकिस्तान में हाईवे, एयरपोर्ट वगैरह सब धीमे धीमे गिरवी रखे जा रहे हैं। मुझे ऐसा शक होता है कि कुछ देशभक्त भारतीय यह सब खऱीदे जा रहे हैं, फिर एक दिन आयेगा जब पाकिस्तान अपने शहरों को पूरा का पूरा नीलाम करेगा, लाहौर, कराची, रावलपिंडी, वो सब भी भारतीय खरीद लेंगे।
भाई साहब टेंशन यहीं से शुरु होती है। एक दिन पूरा पाकिस्तान भारतीयों के हाथ में होगा तो पाकिस्तान का करीब अस्सी अरब डालर का कर्ज भी भारत को देना पड़ेगा।
इसलिए चेकिंग जरुरी है कि पाकिस्तान बिक रहा है, तो चाईना खरीदे, फिर चाईना को पता चलेगा कि पाकिस्तान क्या है। पाकिस्तान को बनाना मुश्किल काम था, पर वह नेताओं ने कर लिया, फिर वह पाकिस्तान को खा पी गये, जो बचा खुचा पाकिस्तान था, वह पाकिस्तान के आर्मी जनरल खा पी गये। अब पाकिस्तान के नाम पर सिर्प कर्ज बचा है, और वह बेइज्जती तो पाकिस्तानी पब्लिक झेलती है, आटे की लाइनों में। पाकिस्तान किश्तों में बिक रहा है, किश्तों का काम तसल्ली का होता है, धीरे धीरे पता ही नहीं चलता।पाकिस्तान पूरा चाईनीज हो जायेगा एक दिन। वैसे पाकिस्तान का चाईनीज होना एक तरह से पाकिस्तान की इज्जत अफजाई ही है, अभी पाकिस्तान के पास देश से बाहर भेजने के लिए सिर्फ आतंकवादी हैं, पूरा चाईनीज होकर पाकिस्तान मोबाइल वगैरह भी बाहर भेज दा करेगा।