देवघर : विश्व आपदा महामारी घोषित कोरोना वायरस के संक्रमण प्रकोप के दौरान सीमित संसाधनों में अपनी जान जोखिम में डाल कर पत्रकार पूरी जिम्मेदारी के साथ न्यूज कवरेज करने के साथ-साथ आम जनता को भी जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। पत्रकारों के लिए झारखंड सरकार एवं देवघर जिला प्रशासन ने अभी तक किसी भी तरह का राहत देने का फैसला नहीं लिया है।
उपरोक्त बातें करते हुए अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश तिवारी ने कहा कि पत्रकारों को न तो पर्याप्त मात्रा में सेनिटाइजर व मास्क ही दिए गए हैं। और न ही कोई सुविधा। वहीं राज्य में कई स्थानों पर संवाद संकलन कर रहे पत्रकार साथियों को पुलिस की कुदृष्टि का भी शिकार होना पड़ रहा है। जबकि पत्रकारों को लॉक डाउन में प्रशासन द्वारा उनकी सुविधा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया हैं। जबकि केंद्रीय सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा इस संबंध में आवश्यक निर्देश भी जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर लॉक डाउन के कारण सभी दुकाने बंद हैं, ऐसे में पूरे शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकार दिनभर भूखे-प्यासे रहकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। जबकि लॉक डाउन की अवधि बढ़ाए जाने की बात सामने आ रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ससमय आवश्यक सूचना नहीं दिए जाने के मामले पर श्री तिवारी ने कहा कि ऐसी बातें लोकतंत्र के पक्ष में कदापि नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ज़िले में अंचल स्तर से लेकर जिला स्तर तक के सभी पत्रकारों को सूचीबद्ध कर राहत सामग्री आसानी से उन लोगों तक पहुँचाई जा सकती है। एबीपीएसएस के प्रदेश अध्यक्ष ने सीएम हेमंत सोरेन और देवघर जिला प्रशासन से पत्रकारों की सुरक्षा की इस मांग पर संज्ञान लेने की बात कही है। साथ ही कहा कि पत्रकारों के हितार्थ सरकार को अपनी जवाबदेही उठानी चाहिए।
देवघर : पत्रकारों की सुरक्षा के लिए झारखंड सरकार द्वारा ठोस कदम न उठाना दुर्भाग्यपूर्ण- सर्वेश तिवारी
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