झारखण्ड/रांची : आज राजधानी रांची में लॉकडाउन की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई। दरअसल पूरा मामला कोरोना पॉजिटिव मरीज की रिम्स में मौत के बाद शुरू हुआ। बड़ी सख्यां में स्थानीय सड़क पर उतर आए और शव को रातू रोड कब्रिस्तान में दफनाने का विरोध किया। इससे पूर्व बरियातू स्थित जोड़ा तालाब कब्रिस्तान में भी इस शव को दफनाने का लोगों ने विरोध किया और सड़क पर उतर आए। इस दौरान लॉकडाउन का पूरी तरह से उल्लंघन किया गया। पुलिस-प्रशासन ने लोगों को समझाया पर वो नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने अलाउंस कर यह कहा कि अगर आप लोग नहीं चाहते तो शव यहां नहीं दफनाया जाएगा। आप लोग घरों में चले जाइए। हालांकि इस दौरान शव रिम्स में रखा गया था।
शव दफनाने का विरोध करते स्थानीय
रविवार सुबह हिंदपीढ़ी के रहने वाले कोरोना पॉजिटिव एक मरीज की रिम्स के कोविंड वार्ड में मौत हो गई। दोपहर बाद मरीज के शव को दफनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। पुलिस-प्रशासन की टीम सबसे पहले बरियातू स्थित जोड़ा तालाब कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए पहुंची।
लोगों को जैसे ही इसकी सूचना मिली, वो घरों से बाहर निकल आए और इसका विरोध शुरू कर दिया। पुलिस-प्रशासन ने लोगों को समझाने का प्रयास किया पर लोग नहीं माने। इसके बाद पुलिस-प्रशासन की टीम रातू रोड कब्रिस्तान पहुंची। रातू रोड कब्रिस्तान के पास भी स्थानीय लोगों ने इस शव को दफनाने का विरोध कर दिया और बड़ी संख्या में सड़क पर उतर आए।
लोगों का कहना है कि यहां शव दफनाने पर कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। शव को शहर से बाहर कहीं और दफनाया जाए। लोग कब्रिस्तान के मुख्य गेट के बाहर बैठ गए। पुलिस-प्रशासन ने लोगों से बात की पर वो नहीं माने। इसके बाद शव वहां नहीं दफनाने का आश्वासन देकर पुलिस ने लोगों को घरों में चले जाने की अपील की। कब्रिस्तान के सभी दरवाज़े सील करने के बाद लोग वापस अपने घरों में चले गए।