रांची : वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विशेष रुप से गरीबों की परेशानियां काफी बढ़ गई है। सड़कों के किनारे और फुटपाथ पर रहकर जिंदगी जीने की जद्दोजहद कर रहे बेहद गरीब लोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में उनके लिए दो वक्त की रोटी-सब्जी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया है। लाॅकडाउन के दौरान ऐसे अत्यंत गरीब लोगों के लिए सरकारी स्तर पर चलाए जा रहे राहत कार्य के अलावा गैर सरकारी संगठनों और समाजसेवियों द्वारा भी भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इस क्रम में राजधानी के बिरसा चौक (हटिया स्टेशन रोड) स्थित होटल पार्क ईन के संचालक रामाशंकर प्रसाद द्वारा लाॅकडाउन की अवधि शुरू होने के बाद से तकरीबन रोज आसपास के गरीबों के बीच विभिन्न प्रकार के व्यंजन बांटे जा रहे हैं। उन्होंने लॉकडाउन की अवधि तक गरीबों को एक समय का भोजन कराने का निर्णय लिया है। इसके तहत आज रविवार को लगभग दो सौ गरीब लोगों के बीच झारखंड के लोकप्रिय व्यंजन “धुस्का और घुघनी” का वितरण किया गया। इस दौरान लाॅकडाउन के दिशा-निर्देशों और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखने के निर्देश का पालन किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी गोपाल झा, वीर नारायण प्रसाद, मुन्ना सिंह, गुड्डू सिंह, विजय शर्मा, अंकित कलवार, आदित्य, पूजा सहित अन्य ने सहयोग किया।
गौरतलब है कि धुस्का-घुघनी सस्ता व सर्वसुलभ झारखंडी व्यंजन है। इसे झारखंडवासी बड़े चाव से खाते हैं। यह गरीबों का भी मनपसंद व्यंजन है। प्राय: हर चौक-चौराहों पर ठेले पर मिलने वाला यह पकवान विशेष रूप से गरीब वर्ग के लोगों का प्रिय आहार है। लाॅकडाउन के दौरान धुस्का की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है।
लाॅकडाउन में लोकप्रिय झारखंडी व्यंजन खा कर खिल उठे गरीबों के चेहरे
होटल पार्क ईन के संचालक ने खिलाया "धुस्का-घुघनी"
Sourceनवल किशोर सिंह