राँची ज़िला स्थित तमाड़ प्रखंड के बांसुकोचा गांव में सशस्त्र सीमा बल की 26 वीं बटालियन कैंप में मछली पालन से संबंधित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर डाॅ.जेके शर्मा, कमांडेंट वेटनरी, सचिन कुमार, कार्यवाहक कमांडेंट, सिद्धार्थ आर. सहायक कमांडेंट सहित मत्स्य विभाग से संजय गुप्ता, डीडीएफ, प्रशांत कुमार, मुख्य अनुदेशक, स्वर्णलता मधु लकड़ा, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी के साथ बासुकोचा, गांगो, बुरुसिंगु , कांडेबुरू आदि गांवों के करीब 30-35 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि मछली पालन बहुत ही आसान तकनीकी है। इसमें कृषि तथा पशुपालन दोनों तरीकों से काम किया जाता है। मछली पालन को अपनाकर स्वरोजगार कर कुपोषण को दूर कर सकते हैं। सरकार मछलीपालन की विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है, जिसका लाभ उठाएं। यदि किसी को हम मछली देते हैं तो वह सिर्फ एक ही दिन का खाना हो सकता है, परन्तु यदि हम उसे मछलीपालन का सिखा दें तो जिंदगी भर कमाई करते हुए दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। श्री शर्मा, वेटनरी कमांडेंट ने आदिवासी आदिम जनजाति बिरहोर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भी जीवकोपार्जन हेतु अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने युवाओं से मछली पालन को अपनाकर मुख्य धारा में जुड़ने का आह्वान किया। इसमें स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को टूल किट का वितरण भी किया जाएगा। धन्यवाद ज्ञापन सिद्धार्थ आरके द्वारा किया।