राजधानी के मोरहाबादी मैदान में 7 जनवरी से शुरू हुआ राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव लगातार अपनी ओर लोगों को आकर्षित कर रहा है। बुधवार को हल्की खिली धूप के बीच लोग अपने परिवार संग महोत्सव का आनंद लेने पहुंचे। महोत्सव के चौथे दिन भी हर वर्ग के लोग नज़र आए ,क्या महिला क्या पुरुष और क्या बच्चे ,अगर युवाओं की बात करें तो सेल्फी प्वाइंट आकर्षण का केंद्र बना रहा। जहां लोग सोहराइ पेंटिंग को बहुत पसंद कर रहे हैं ।महोत्सव की सुबह से ही चौथे दिन भी ख़रीदारी जमकर हुई। यह महोत्सव 12 जनवरी तक रहेगा। महोत्सव में आने का समय सुबह 10 बजे से लेकर रात 8 बजे तक है।
स्वावलंबी झारखंड की पहचान है राष्ट्रीय खादी एवं सरस महोत्सव
रांची में लगाए गए खादी एवं सरस महोत्सव में दुमका के सुदूरवर्ती जंगली क्षेत्र जोगुडीह गाँव से पहुंचीं महिला सहनज़ जादुपटिया का नाम ढोकरा प्रसिद्ध आर्ट में गिना जाता है।सहनज़ ने भी अपना स्टॉल महोत्सव में लगाया है।
लोगों को उनकी कलाकृतियां काफी पसंद आ रही हैं और जब से उन्होंने ढोकरा आर्ट की ट्रेनिंग लेकर उसमें काम करना स्टार्ट किया है. उनके जीवन में भी काफी बदलाव आए है. शहनज़ के द्वारा बनाए गए ढोकरा आर्ट को महोत्सव में लोग काफ़ी पसंद कर रहे हैं और उसकी ख़रीदारी भी कर रहे हैं। शहनाज बताती हैं है कि इस तरह का महोत्सव महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
महोत्सव में सहारनपुर फर्नीचर की डिमांड
सहारनपुर के बने फर्नीचर की खूब डिमांड है मेले मे घूमने आए लोग सहारनपुर के बने फर्नीचर को खूब पसंद कर रहे है और खरीद भी रहे हैं। मेले में आए व्यापारी मो शदीक ने बताया कि इस महोत्सव में अपने लकड़ी के डिज़ाइन सोफा, बेड, कॉफी मग,टेबल स्टैंड, और अन्य होम डेकोर आइटम्स खूब बिक रहे हैं साथ ही उन्होंने बताया की सहारनपुर के बने फर्नीचर जो की शीशम टीक और सागवान की लकड़ियों से बनते हैं। इस इसकी खूब डिमांड हैं।मेले में बेड 25 हज़ार से 1.5 लाख, सोफा 18 हज़ार से 40 हज़ार और झूला 14 हज़ार से 25 हज़ार तक मील रहा हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में नागपुरी गीतों पर झूमे लोग
भगवान बिरसा मुंडा सभागार पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा उड़ीसा और बंगाल के कलाकारों ने अपना जादू बिखेरा। हिंदी बैंड ने हिंदी गीत गाकर खूब वाहवाही लूटी। वहीं, शहर के कलाकार विवेक नायक ने आधुनिक नागपुरी गीतों पर लोगों को खूब झूमाया और तालियां बटोरी।