झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय (JSOU) ने 12 जून को रांची में प्री यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट लॉन्च करने के संबंद्ध में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस को जेएसओयू के कुलपति प्रो. टीएन साहू, अंतर्राष्ट्रीय आभासी शिक्षा परिषद् के फाउंडर डॉ. शबाब आलम ने संबोधित किया. उक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में विश्वविद्यालय ने (नव संचालित पाठ्यक्रम विषयों) पूर्व विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र यानी प्री यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट कोर्स (दसवीं/ बारहवीं / अन्य पारंपरिक व कौशल योजना पर आधारित) की बात कही गई. जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टीएन साहू ने बताया कि विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा को समर्पित है. अंतर्राष्ट्रीय आभासी शिक्षा परिषद् के फाउंडर शबाब आलम ने कहा की अंतर्राष्ट्रीय आभासी शिक्षा परिषद देश में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी दूरस्थ शिक्षा व ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को बढ़ावा दे रहा है.
कोरोना के संकट काल के बाद पूरे देश व संसार को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ICVE विशेष प्रकार से कार्य कर रहा है। साथ ही शिक्षा से वंचित अभ्यर्थियों को खासतौर पर एससी/एसटी/ओबीसी/आदिवासी समुदाय पर विशेष ध्यान दे रहा है ताकि विकासशील देशों जैसे नेपाल, भूटान, बंगला देश, श्रीलंका आदि देशों को वर्चुअल शिक्षा पद्धति मजबूत कर सके. प्रेस वार्ता में जेएसओयू के रजिस्ट्रार प्रो जी के सिंह, फाइनेंस ऑफिसर डॉ अरुण मंडल, कोऑर्डिनेटर डॉ प्रेम सागर केशरी, श्री विकास मौर्या, डॉ मनोज अगरिया आईसीवीई के कंट्री हेड एल मुथुवेलराज राजसेकर, वाइस प्रेसिडेंट अजय साहू, जेनरल सेक्रेट्री आचार्य महेंद्र पारीक और सेक्रेट्री नवनीत त्यागी आदि मौजूद रहे.
जेएसओयू झारखंड सरकार द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय है। जिसका शुरुआत 2021 में किया गया. झारखंड राज्य खुला विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र दूरस्थ शिक्षा को समर्पित विश्वविद्यालय है, जो कि नए-नए प्रोफेशनल कोर्सेज को संचालित कर रहा है। ताकि राज्य में शिक्षा स्तर व युवाओं में निहित हुनर को प्रोत्साहित कर रोजगार / स्वरोजगार और व्यावसायिक शिक्षा पद्धति का राज्य में सरलता व सुगमता पूर्वक प्रचार प्रसार dh सकारत्मक पहल की जा सके.
कोर्स के निम्न फायदे हैं :
- प्री यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट कोर्स में प्रवेश हेतु योग्यता 10वीं पास अथवा 16 वर्ष आयु होनी चाहिए जबकि दसवीं के लिए 14 वर्ष आयु है। क्योंकि उक्त कोर्स वर्चुअल शिक्षा पद्धति पर आधारित है। प्रवेश हेतु वह सभी पात्र मान्य है जो उन्नति / प्रोन्नति हेतु किसी सरकारी अथवा गैर सरकारी संगठन में कार्यरत है।
- उक्त पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु वSls छात्र-छात्राएं भी मान्य है, जिन्होंने इस साल किसी अन्य बोर्ड में परीक्षाएं दी तथा अनुत्तीर्ण हुए इस प्रकार छात्र व छात्राओं को अपना साल बचाने का अवसर मिलेगा ।
- सर्व शिक्षा अभियान के तहत देश का कोई भी छात्र देश के किसी भी राज्य में प्रवेश के लिए स्वतंत्र होता है। इसलिए देश के सभी राज्यों व पड़ोसी राज्यों के छात्र भी वर्चुअल शिक्षा पद्धति का लाभ उठा सकते हैं, परंतु विश्वविद्यालय अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत बाध्य व कार्यरत रहेगा।
- परीक्षाएं: विश्विद्यालय एनआईओएस बोर्ड की तर्ज पर अपनी परीक्षाएं CALENDAR SESSION/ ACADEMIC SESSION / ON DEMAND SESSION पर कार्य करेगा।