Thursday, May 16, 2024
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देश के लिए पहला मेडल लानेवाली मीराबाई ने रियो ओलंपिक के “डीड नॉट फ़िनिश” के धब्बे को धो डाला

मीराबाई 2021 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती भारतीय वेटलिफ्टर हैं। उन्होंने एशियन चैम्पियनशिप में 49 किलो भारवर्ग में कांस्य जीतकर टोक्यो का टिकट हासिल किया था। इस दौरान 26 साल की मीराबाई ने ने स्नैच में 86 किग्रा का भार उठाने के बाद क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए 119 किलोग्राम का भार उठाया था।

भारतीय वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिला दिया है. ओलंपिक में वेटलिफ़्टिंग में सिल्वर मेडल लाने वाली पहली भारतीय एथलीट के साथ-साथ ओलंपिक में मेडल जीतने वालीं भारत की दूसरी वेटलिफ्टर बन गई हैं। मीराबाई से पहले 2020 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ‌ने कांस्य पदक जीता था। मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीता। इस वर्ग में चीन की होऊ ज़हुई ने गोल्ड और इंडोनेशिया की विंडी असाह ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता।

पिछले 22 साल में ऐसा करने वाली मीराबाई पहली भारतीय महिला बन गई थीं। मीराबाई चानू ने कुल 202 किलोग्राम भार उठाकर भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। 48 किलो का वज़न बनाए रखने के लिए मीरा ने उस दिन खाना भी नहीं खाया था। इस दिन की तैयारी के लिए मीराबाई पिछले साल अपनी सगी बहन की शादी तक में नहीं गई थीं।

‘डिड नॉट फ़िनिश’

2016 रियो ओलंपिक में बेहद ख़राब प्रदर्शन से लेकर टोक्यो ओलंपिक में मेडल तक चानू का सफ़र शानदार रहा है।

जब वो रियो ओलंपिक गई थीं तो अपना खेल पूरा ही नहीं कर पाई थी जो किसी भी खिलाड़ी के मनोबल को तोड़ सकती है। वह क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में भार उठाने में नाकामयाब रही थीं। 2016 में रियो ओलंपिक में अपने वर्ग में मीरा सिर्फ़ दूसरी खिलाड़ी थीं जिनके नाम के आगे ओलंपिक में लिखा गया था ‘डिड नॉट फ़िनिश’.

जो भार मीरा रोज़ाना प्रैक्टिस में आसानी से उठा लिया करतीं, उस दिन ओलंपिक में जैसे उनके हाथ बर्फ़ की तरह जम गए थे। भारत में उस समय रात होने की वजह से बहुत कम भारतीयों ने वो नज़ारा देखा।दूसरे दिन सुबह जब भारत के खेल प्रेमियों ने ख़बरें पढ़ीं तो मीराबाई रातों रात भारतीय प्रशंसकों की नज़र में विलेन बन गईं। नौबत यहाँ तक आई कि 2016 के बाद वो डिप्रेशन में चली गईं और उन्हें हर हफ्ते मनोवैज्ञानिक के सेशन लेने पड़े। हालाँकि इस असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार वापसी की।

रियो ओलंपिक की नाकामी को भुलाकर मीराबाई चानू ने 48 किलोग्राम के अपने वज़न से क़रीब चार गुना ज़्यादा वज़न यानी कुल 194(स्नैच में 85 और क्लीन एंड जर्क में 107) किलोग्राम उठाकर मीरा ने 2017 में वर्ल्ड वेटलिफ़्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था, जो एक रिकॉर्ड था । मीराबाई चानू ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोवर्ग के भारोत्तोलन में गोल्ड मेडल जीता था और अब ओलंपिक मेडल जीतकर 2016 में मिले उस धब्बे को मिटा दिया है साथ ही अपने क़ाबिलियत भी साबित की ।भारत के लिए पदक जीतने वाली मीरा की आँखों से बहते आँसू उस दर्द के गवाह थे जो वो 2016 से झेल रही थीं।

कुंजुरानी देवी से मिली प्रेरणा:

8 अगस्त 1994 को जन्मी और मणिपुर के एक छोटे से गाँव में पली बढ़ी मीराबाई बचपन से ही काफ़ी हुनरमंद थीं। इंफ़ाल से क़रीब 200 किलोमीटर की दूरी पर बसे उनके गाँव में कोई ख़ास सुविधा नही थी। उस समय मणिपुर की ही महिला वेटलिफ़्टर कुंजुरानी देवी एथेंस ओलंपिक में खेलने गई थीं और पूरे देश में उनकी चर्चा हो रही थी। बस वही दृश्य नन्ही मीरा के दिलो-दिमाग़ में बस गया और छह भाई-बहनों में सबसे छोटी मीराबाई ने वेटलिफ़्टर बनने की ठान ली। अपने इसी सपने को लक्ष्य बनाकर मीरा ने 2007 में जब प्रैक्टिस शुरु की तो पहले-पहल उनके पास लोहे का बार नहीं था तो वो बाँस से ही प्रैक्टिस किया करती थीं। गाँव में ट्रेनिंग सेंटर नहीं होने के कारण वो 50-60 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग के लिए जाया करती थीं। डाइट में रोज़ाना दूध और चिकन चाहिए था, लेकिन एक आम परिवार की मीरा के लिए वो मुमकिन न था। उनकी लगन के आगे पौष्टिक आहार भी रुकावट नही बन सकी।मीराबाई की मेहनत आखिरकार रंग लाई, जब उन्होंने 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलो भारवर्ग में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता।

11 साल की उम्र में बनी अंडर-15 चैंपियन:

11 साल में वो अंडर-15 चैंपियन बन गई थीं और 17 साल में जूनियर चैंपियन। जिस कुंजुरानी को देखकर मीरा के मन में चैंपियन बनने का सपना जागा था, अपनी उसी आदर्श के 12 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को मीरा ने 2016 में तोड़ा- 192 किलोग्राम वज़न उठाकर।

वेटलिफ्टिंग के अलावा मीरा को नृत्य का भी शौक़ है। मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, “मैं कभी-कभी ट्रेनिंग के बाद कमरा बंद करके डांस करती हूँ और मुझे सलमान खान पसंद हैं.”

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