राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) 2024 को लेकर दिन-ब-दिन नए खुलासे होते जा रहे हैं। नीट यूजी पेपर लीक मामले में जांच के लिए गठित टीम की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अब तक 14 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है जिसमें एक 56 वर्षीय इंजीनियर सिकंदर कुमार यादवेंदु ने अपनी भूमिका को माना है। इस मामले में अब छात्रों का रोष भी बढ़ता जा रहा है। इसके चलते स्टूडेंट्स अपनी कई मांगो के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा चुके हैं।
9 छात्रों को नोटिस
नीट यूजी परीक्षा को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. कथित पेपर लीक मामले की जांच बिहार में भी आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) कर रही है। परिक्षा परिणाम को लेकर छिड़े विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है और सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में बिहार सरकार से भी जवाब मांगा है। इधर बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने 9 परीक्षार्थियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। कथित पेपर लीक मामले में इनसे पूछताछ की जाएगी। वहीं नीट परीक्षा प्रश्न पत्र मामले में गिरफ्तार बिहार सरकार के अधीन कार्यरत एक जूनियर इंजीनियर ने बड़ा खुलासा किया है। उसने अपनी भूमिका कबूल कर ली है। उसने इओयू को गिरफ्तार साल्वर गिरोह के सदस्य अमित और नीतीश की भी भूमिका को बताया है। पूछताछ में जेई ने इओयू को बताया कि इन दो युवकों ने चार जून को नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र हासिल किया और पटना के रामकृष्ण नगर इलाके में एक मकान में परीक्षार्थियों को जमा किया गया। इन्हें प्रश्न पत्र रटवाया गया था। परीक्षार्थी यहीं से सीधे अपने एग्जाम सेंटर पर गए थे।
23 जून को होगी दोबारा परीक्षा
पेपर लीक मामला खुलने के बाद अब स्टूडेंट्स एनटीए से सभी स्टूडेंट्स से परीक्षा को दोबारा करवाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) 1563 स्टूडेंट्स जिनको ग्रेस मार्क्स मिले थे उनकी परीक्षा दोबारा करवाने का एलान कर चुका है। परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है जिसमें कोर्ट ने इन स्टूडेंट्स के ग्रेस मार्क्स रद्द करने का आदेश दिया था।
सभी छात्रों ने दोबारा परीक्षा की माँग की है
नीट यूजी 2024 एग्जाम में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स ने परीक्षा में पेपर लीक एवं अन्य गड़बड़ियों के मद्देनजर सभी स्टूडेंट्स के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से दोबारा परीक्षा आयोजित करवाने की मांग की है। इसके अलावा स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने परीक्षा में 620 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स की जांच स्वतंत्र एजेंसी या कोर्ट से गठित टीम से करवाए जाने की मांग की है।