क्रिकेट जगत में रांची का नाम रौशन करनेवाले भारत के मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी आज दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। धोनी के शहर राँची से ही एक और क्रिकेटर अब राँची का नाम रौशन करनेवाला है। झारखंड की राजधानी राँची के रहने वाले रॉबिन मिंज का चयन मुंबई इंडियंस टीम ने किया है। रॉबिन जल्द ही मैच की ट्रेनिंग के लिए इंग्लैंड जाएंगे।
बल्लेबाज़ और विकेटकीपर हैं रॉबिन
रॉबिन मिंज़ पहले ऐसे आदिवासी क्रिकेटर हैं जिनका चयन मुंबई इंडियंस में हुआ है। महेंद्र सिंह धोनी को रॉबिन अपना आदर्श मानते हैं। धोनी के खेलने के तौर-तरीक़ों से वे बहुत प्रभावित हैं। रॉबिन बताते हैं की धोनी का हर परिस्थिति में शांत रहना, अच्छा व्यवहार व अनुशासन के साथ रहना – ये सारी चीजें काफी मोटिवेट करती हैं। रॉबिन एक बेहतरीन बल्लेबाज के साथ-साथ विकेटकीपर भी हैं। मुंबई इंडियंस में रॉबिन के चयन के बाद उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बधाई देने वाले उनके घर पर जुटने लगे हैं।
U-19 और U-25 में रहा शानदार प्रदर्शन
झारखंड के छोटे से शहर गुमला के रहने वाले रॉबिन मिंज 8 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेल रहे हैं। रॉबिन मिंज ने झारखंड के गुमला जिले से खेलते हुए अपनी अलग पहचान बनायी है। बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज रॉबिन ने रांची के सोनेट क्रिकेट क्लब में चंचल भट्टाचार्या, एसपी गौतम व आसिफ हक की देखरेख में अपने खेल को निखारा है। मिंज ने अंडर-19 और अंडर-25 में अपने शानदार प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा।
पिछले साल ट्रायल में नहीं हो पाया था चयन
पिछले साल भी रॉबिन मिंज़ को दिल्ली कैपिटल्स, मुंबई इंडियंस, लखनऊ सुपरजाइंट्स और कोलकाता नाइट राइडर्स ने ट्रायल के लिए बुलाया था। लेकिन रॉबिन ने दिल्ली कैपिटल्स के लिए ट्रायल दिया। पर उनका चयन नहीं हो सका था। काफी मेहनत के बाद ही चयन नहीं होने से वे बहुत दुखी थे, लेकिन कोच ने समझाया कि यह समय सीखने का है और अधिक मेहनत करने का है, हताश होने का नहीं। इसलिए रॉबिन ने नये जोश के साथ एक बार फिर से तैयारी शुरू कर दी।
रॉबिन के कोच चंचल भट्टाचार्य और आसिफ ने दी शुभकामनाएँ
कोच चंचल भट्टाचार्य ने बताया कि रॉबिन ने बहुत मेहनत की थी, आज उसका परिणाम मिला है। हम उम्मीद करते हैं कि कल यह भारतीय टीम के लिए भी खेलेगा। कोच आसिफ ने बताया कि रॉबिन का फिटनेस से लेकर विकेटकीपिंग सब कुछ बहुत ही शानदार है। एक समय था जब वह काफी शानदार खेल रहा था। लेकिन उसका सिलेक्शन कहीं नहीं हो पा रहा था। 2020-21 के दौरान अंडर-19 का ओपन ट्रायल हुआ था। इसने अपने पहले ट्रायल मैच में 60 रन बनाए जिसमें 5 छक्के शामिल थे। उस समय JSCA चयनकर्ताओं का ध्यान रॉबिन की तरफ गया और इसको सेलेक्ट किया। हालांकि, सफर अभी थोड़ा लंबा है और अग्नि परीक्षा देनी है। लेकिन हमें उम्मीद है हार्ड वर्क और डेडीकेशन इसे अपनी मंजिल तक पहुँचायेगी।
पिता ने बचपन में ही परख लिया था
राँची में DAV से रॉबिन ने 10वीं तक की पढ़ाई करने के बाद अपना पूरा समय क्रिकेट को दे दिया। रॉबिन को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का जुनून था। उनके पिता ने बचपन में ही रॉबिन की प्रतिभा को परख लिया था। रॉबिन बताते हैं कि क्रिकेट खेलते देख पापा ने कहा कि तुम्हें क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन लेना चाहिए, तुम अच्छा क्रिकेट खेलते हो। मैंने भी पापा की बात मान एडमिशन ले लिया और उसके बाद फिर क्रिकेट का सफर शुरू हो गया। रॉबिन ने बताया कि उनके पिता रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर हैं। मां-पिता के साथ दो बहनों का भी हमेशा सपोर्ट रहा। उन्होंने बताया कि जब पिता आर्मी में काम करते थे तो मां मुझे एकेडमी ले जाया करती थी।