Thursday, May 16, 2024
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किसान रिजोर्ट योजना

किसान जननिधि योजना, किसान धननिधि योजना, किसान बीमा योजना, किसान सीमा योजना, स्वीडन भारत किसान एक्सचेंज कार्यक्रम-इतनी स्कीमें चल रही हैं और किसान फिर भी अमीर ना हो रहा है।


आलोक पुराणिक

चालू चैनल ने अपना नवोदित पत्रकार एक किसान के पास भेजा, किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए, क्योंकि टीवी चैनल के सारे सीनियर पत्रकार रिया चक्रवर्ती के अफीम के खेतों की पड़ताल में बिजी थी। नवोदित पत्रकार ने बहुत पढ़लिखकर किसान से इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू इस प्रकार है-

नवोदित पत्रकार उर्फ नपत्र-

किसान जननिधि योजना, किसान धननिधि योजना, किसान बीमा योजना, किसान सीमा योजना, स्वीडन भारत किसान एक्सचेंज कार्यक्रम-इतनी स्कीमें चल रही हैं और किसान फिर भी अमीर ना हो रहा है। मुझे लगता है कि किसान इस मुल्क का बहुतै आलसी है। इतनी स्कीमों के बावजूद अमीर नहीं हो रहा है, क्यों। कभी आपने जाकर देखा अपने खेत से बाहर निकलकर कि स्कीम आ गयी या नहीं।

किसान-

जी स्कीम ना आती, स्कीम के नाम और उनके नाम पर नेता आ जाते हैं। फिर ये नेता टीवी पर भी आते हैं और टीवी से आप जैसे पत्रकार आ जाते हैं। बस यही आना जाना हो रहा है।

नपत्र-

इतना कुछ किया है आपके लिए देश ने-दो बीघा जमीन, लगान, नया दौर, पीपली लाइव, उपकार, मदर इंडिया कितनी फिल्में बनायी हैं किसानों पर और फिर भी आप किसानों की हालत सुधरती नहीं है, क्यों, क्यों बताओ क्यों।

किसान-

जी लगान किसानों पर क्रिकेट पर बनी फिल्म थी, पीपली लाइन किसानों पर नहीं टीवी मीडिया पर बनी फिल्म थी। हमारे नाम पर जाने क्या क्या हो जाता है। हमें पता नहीं चल पाता। लगानवाले आमिर खान अमीर हो गये। किसानों तक भी अमीरी पहुंच जायेगी, देखिये।

नपत्र-

नहीं बताना पडेगा आपको बताना ही पड़ेगा आपको कि पूरा देश आपके लिए जान दे रहा है, इतनी योजनाएं बना रहा है, इतनी फिल्में बना रहा है। फिर भी किसान सुधऱ क्यों नहीं रहा है। बताइये बताइये।

किसान-

किसान की हालत नहीं सुधर पा रही है, तो इसमें किसान की ही दोष है, आप ठीक ही कहते है। चलिये मान लेते हैं किसान ही सुधरना नहीं चाहता। किसान इस देश का बहुत निकम्मा नालायक टाइप है, और क्या कहें।

नपत्र-

सवाल यह है कि ऐसा क्यों है। हम टीवी वाले कितनी मेहनत करते हैं किसानों के लिए। किसानों के लिए दिन रात एक किये रहते हैं। हमारे सीनियर रिया चक्रवर्ती के अफीम के खेतों की तलाश में गये हैं। किसानों के लिए हम मरे जा रहे हैं और आप सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।

किसान-

तो आप क्या यह बता रहे हैं कि रिया चक्रवर्ती किसान है। आप फिर तो यह भी खबर चलायेंगे कि किसानों को परेशान किया जा रहा है, क्योंकि रिया को परेशान किया जा रहा। रिया अगर किसान है, तो मैं भरतनाट्यम का डांसर हूं।

नपत्र-

आप इतनी उल्टी पुल्टी बातें कर रहे हैं कि मन होता है कि आपको टीवी का एंकर बना दिया जाये। पर आप टीवी एंकर बनने के काबिल नहीं है, आप बहुत तमीज से और धीरे बात कर रहे हैं। आप थोड़ा चीखिये और हाथ पैर चलाइए, फिर आप एंकर बनाये जा सकते हैं।

किसान-

मुझे किसान ही रहने दें और किसानी की हालत बेहतर करवा दें। किसानों को चार ग्राहक ज्यादा मिल जायें, इतना करवा दें। आपने हाल में संसद में पारित किसानों से जुड़े विधेयक पढ़े हैं क्या, बताइए क्या है उनमें।

नपत्र-

अरे मैं सारा टाइम पढ़ने में वेस्ट कर दूंगा तो टीवी रिपोर्टरी कब करूंगा।

किसान

तो क्या टीवी रिपोर्टर की नौकरी की शर्तों में होता है कि उसे कुछ लिखना पढ़ना नहीं है। आप कुछ पढते हैं या नहीं।

नपत्र-

हां बिलकुल पढ़ता हूं, भानगढ़ किले के भूतों के प्रकार, नशे के तौर तरीके, फिल्मी पार्टियों के ड्रग डीलर, दीपिका पादुकोण द्वारा लिये गय ड्रग्स, ड्रग्स ही ड्रग्स मिल तो लें-ये किताबें अभी पढ़ी हैं मैंने।

किसान

क्या आप ड्रग डीलर हैं, जो ड्रग पर इतनी किताबें पढ़ते हैं।

नपत्र-

टीवी पर इन दिनों ड्रग ही बिक रही है। कुछ दे रहे हैं कुछ ले रहे हैं।

किसान-

मैं तो समझता था कि टीवी पत्रकार पढ़े लिखे लोग होते हैं।

नपत्र-

अरे मैं सारा टाइम पढ़ने में ही वेस्ट कर दूंगा, तो टीवी रिपोर्टरी कब करुंगा। आप तो यह बताइए कि किसानों की हालत कैसे सुधरे।

किसान-रोते हुए-

हे टीवी एक्सपर्ट अब तुम यह ना कहने लग जाना कि किसानों को आर्थिक हालत सुधारने के लिए ड्रग बेचने का काम शुरु कर देना चाहिए।

नपत्र-

मैं तो शुरु से ही कह रहा हूं कि तुम इतनी ऊल जलूल बातें कर रहे हो कि तुम टीवी एंकर बन सकते हो।

किसान-

जी मुझे लगता है कि अब किसानों के लिए किसान रिजोर्ट योजना चलायी जानी चाहिए। हर किसान को एक एक रिजोर्ट देना चाहिए जिसमें तमाम राज्यों की विधानसभाओं के विधायक सरकार की अलट-पलट के दौर में रहें, ऐसे किसान रिजोर्ट से ही किसानों का भला हो सकता है।

नपत्र-

ओके मुझे समझ में आ गया है कि किसानों की समस्या का हल सिर्फ किसान रिजोर्ट योजना में ही है।

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