रांची। झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान काफी संख्या में लोग बेरोजगार हुए हैं। नतीजतन उनके बच्चे शिक्षा से भी वंचित हो रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए अविलंब कदम उठाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि राज्य में शराब की बिक्री को बढ़ावा देने और शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने की दिशा में सरकार ने कदम उठाया है। लेकिन जो लोग कोरोना काल में बेरोजगार हो गए हैं, उनके बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है, वैसे लोगों के प्रति राज्य सरकार बिल्कुल संवेदनहीन व उदासीन है।
श्री राय ने कहा कि राज्य सरकार शराब कारोबारियों पर तो मेहरबान है। कोरोना काल के दौरान हुए नुकसान की भरपाई को लेकर कारोबारियों का लाइसेंस फीस माफ करने का निर्णय लिया है, लेकिन राज्य के उन लाखों बेरोजगारों के जीवन -यापन को लेकर सरकार मौन है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में बेरोजगार हुए अभिभावकों के बच्चे, जो प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं, फीस जमा नहीं करने के कारण ऑनलाइन क्लास से वंचित किए जा रहे हैं। वहीं, कई स्कूलों द्वारा वार्षिक शुल्क, डेवलपमेंट फंड, कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास, मेंटेनेंस, सिक्योरिटी गार्ड, बिजली, पानी तक की वसूली धड़ल्ले से की जा रही है। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इस संबंध में झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के विभिन्न जिलों की कमिटियों द्वारा अनेक पत्र लिखे जाने के बावजूद इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण काल के दौरान बेरोजगार हुए अभिभावकों के बारे में भी सोचे और उन्हें राहत पहुंचाने की दिशा में अविलंब सकारात्मक पहल करें।
कोरोना काल में बेरोजगार हुए अभिभावकों और उनके बच्चों की भी चिंता करे सरकार : अजय राय
Sourceनवल किशोर सिंह