Saturday, May 4, 2024
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इंस्टाग्राम पर सिसेरिस

ऐसा है सिसेरिस कि इसे खाने से वजन भी कम होने लगता है। सिर्फ तीन हजार रुपये किलो ओनली।

आलोक पुराणिक:

घणा इश्तिहार था जिसमें लिखा था कि सिसेरिस बहुत ही पौष्टिक आइटम है। उस कंपनी ने बताया कि सिसेरिस के फोटू देखने के लिए इंस्टाग्राम पर आइये, उस कंपनी का सिसेरिस फेसबुक पर भी है, उस कंपनी का सिसेरिस ट्विटर पर भी है। सिसेरिस को उस एंगल से देखिये, इस एंगल से भी देखिये बहुत ही क्यूट है सिसेरिस। ब्राऊन रंग और पीले रंग का कांबिनेशन है सिसेरिस। ऐसा है सिसेरिस कि इसे खाने से वजन भी कम होने लगता है। सिर्फ तीन हजार रुपये किलो ओनली। आर्डर करें, फलां वैबसाइट पर।

ऐसे महाप्रतापी सिसेरिस की खोज में निकला और मुझे तमाम किस्म के शोध के बाद पता चला कि यह तो वह आइटम है, जिसे हम चना कहते हैं। इंगलिश में इसे चिकपी कहते हैं और लैटिन में इसे सिसेरिस कहते हैं।

विदेशी भाषा में बेवकूफ बनाना घणा आसान होता है।

चने से इंप्रेस ना हो रहे हो तो तो तो तो लो जी सिसेरिस। हिंदी में चना 3000 रुपये किलो बेचना मुश्किल है। इँगलिश भी पब्लिक अब समझने लगी है। सो अब लैटिन में समझाकार 3000 रुपये किलो चना बेचना आसान हो गया है। सिसेरिस होकर चना 3000 रुपये किलो हो लिया और अब लोकल ठेले पर नहीं है, इंस्टाग्राम में देखिये। भाषाएं ज्ञान के आदान प्रदान के लिए नहीं, बेवकूफ बनाने के लिए भी प्रयुक्त हो रही हैं। लैटिन का इस्तेमाल ग्लोबल स्तर पर बेवकूफ बनाने के लिए हो रहा है।

लागरायुक्त सिसेरिस -हेल्थ के लिए बहुत ही शानदार आइटम। ऐसी स्वीट डिश में जिसे खाकर वजन बढ़ने की कोई आशंका नहीं है। ऐसी स्वीट डिश, जिसे फ्राई नहीं किया गया है। सिर्फ पांच हजार रुपये किलो, लागरायुक्त सिसेरिस नामक डिश को इंस्टाग्राम पर देखिये, तो इतनी भव्य-दिव्य दिखती है कि इसे खाने का मन ना होता, लगता है कि ड्राइंग रुम की दीवारों पर सजा लें और मेहमानों को इंप्रेस करें-कोई कलाकृति बताकर। हालांकि भाव भी इस डिश के कलाकृति वाले ही हैं पांच हजार रुपये किलोवाले।

क्या है यह लागरा। जी लागरा गुड़ को ही कहते हैं लैटिन में। ऐसे चने जो गुड़ में लिपटे हैं, इन्हे लागरायुक्त सिसेरिस कहते हैं-लागरावाला सिसेरिस मतलब यह तो किसी योद्धा का सा नाम लगता है। सिसेरिस लागरावाला किसी भांगड़ा डांसर का नाम भी हो सकता है। नाम बहुत बेवकूफ बनाते हैं। कस्टमर की जेब से एक किलो के पांच हजार निकालने के लिए उसे ठीक ठाक स्तर का बेवकूफ बनाना पड़ता है। लैटिन भाषा इस काम में बहुत मदद करती है।

दस हजार रुपये किलोवाले सेलिस का इश्तिहार देख रहा हूं इंटरनेट पर। बहुत ही शानदार सेलिस आपके खाने को स्वादशाली बना सकता है। आपको इनर्जी दे सकता है। प्रशांत महासागर में खास ढंग की खेती से बनाया गया है-सेलिस सिर्फ बीस हजार रुपये का दस ग्राम।

गहन शोध से पता चलता है कि नमक को लैटिन भाषा में सेलिस कहते हैं।

नाम से लगता कि कोई फास्ट बालर है -सेलिस। सेलिस के सेवन के बाद किसी फास्ट बालर जैसी इनर्जी आ जायेगी, ऐसी उम्मीद जगाता है सेलिस। पर बीस हजार रुपये का सिर्फ दस ग्राम। इतना महंगा इतना मूल्यवान सेलिस।

जी अब समझ में आया ना भाषाएं इतना मूल्यवान क्यों होती हैं, कोई भाषा सिसेरिस को तीन हजार रुपये किलो में बिकवा सकती है।

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