Tuesday, May 14, 2024
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शिक्षकों को रोज़ लगाना होगा हाज़िरी, के के पाठक ने लिया शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का जिम्मा

प्रथम फेज में स्कूलों में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति पर फोकस करते हुए निरीक्षण करने को कहा है । दूसरे फेज में स्कूलों में पढ़ाई की जांच की जाएगी।

पटना:

बिहार में बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का जिम्मा अब बिहार सरकार के कड़क IAS अधिकारी के के पाठक को दी गई है। के के पाठक ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। अब देखना होगा कि बिहार की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था जो काफ़ी लचर हो चुकी थी पाठक की निगरानी में इसमें कितना सुधार हो पाता है।

ग़ौरतलब है कि वर्ष 2009 में भी के.के. पाठक को शिक्षा विभाग का सचिव बनाया गया था। उस समय उन्होंने विभाग में एक मोनेटरिंग सेल बनवायी थी जिसके तहत कॉलेजों, यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की उपस्थिति की जाँच की जाती थी । प्रत्येक दिन कॉलेजों में शिक्षकों की दो समय उपस्थिति सुनिश्चित की जाती थी। शिक्षा से जुड़े लोगों का मानना है की पाठक की निगरानी में मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में सुधार ज़रूर होगा। के के पाठक 28 जुलाई 2009 से 4 अक्टूबर 2010 तक शिक्षा विभाग के सचिव थे। 

के के पथ ने सचिव के तौर पर फिर से ज़िम्मेवारी सम्भाल ली है। उनके पद सम्भालते ही शिक्षा विभाग की तरफ से आदेश जारी किया गया है कि राज्य के सभी शिक्षक अब वीडियो कॉन्फ़्रेसिंग के ज़रिये प्रत्येक दिन शिक्षा विभाग को यह बताएंगे कि वह अपने स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में उपस्थित हैं। इसको लेकर एक स्पेशल सेल बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग के विभागीय कार्यालय के साथ साथ जिला और प्रखंड स्तर के सभी कार्यालय को अब शनिवार को भी खुला रखने का आदेश जारी किया गया है।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के के पाठक ने कार्यभार संभालते ही गुरुवार को निदेशालय के पदाधिकारियों के साथ अनौपचारिक बैठक की। इस दौरान पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीधा संवाद किया । बैठक में के के पाठक ने सभी पदाधिकारियों को प्रथम फेज में स्कूलों में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति पर फोकस करते हुए निरीक्षण करने को कहा है । उन्होंने कहा कि दूसरे फेज में स्कूलों में पढ़ाई की जांच की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को वाहन भी मुहैया करवाया जायगा। 

के के पाठक ने स्पष्ट तौर पर ज़िला शिक्षा पदाधिकारियों के कार्यालय में अधिकारी और कर्मचारी की उपस्थिति सुबह 9:30 बजे और शाम 6:00 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लेने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि इन पदाधिकारियों द्वारा हर रोज कितने स्कूलों में निरिक्षण किया गया? कहां कितने शिक्षक उपस्थित मिले? बिना आवेदन के कितने बच्चे विद्यालय से अनुपस्थित थे एवं स्कूलों में मिड डे मिल की स्थिति क्या है? इन सभी बातों की जानकारी अपर मुख्य सचिव खुद डीईओ या डीपीओ से लेंगे। 

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