Monday, May 13, 2024
HomeDESHPATRAजगन्नाथपुर मंदिर के मुख्य सेवादार लाल प्रवीर नाथ शाहदेव ने धार्मिक न्यास...

जगन्नाथपुर मंदिर के मुख्य सेवादार लाल प्रवीर नाथ शाहदेव ने धार्मिक न्यास बोर्ड पर मनमानी का लगाया आरोप, हाईकोर्ट में याचिका दायर

रांची। एचईसी परिसर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में मुख्य सेवादार रहे लाल प्रवीर नाथ शाहदेव ने हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बोर्ड के फैसले के विरुद्ध झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इस संबंध में गुरुवार को राजधानी स्थित होटल अकॉर्ड में आयोजित प्रेसवार्ता में श्री शाहदेव ने कहा कि हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा जगन्नाथपुर मंदिर के संचालन के लिए एक कमिटी बनाई है, जिसमें वर्षों से मंदिर की सेवा करते आ रहे लोगों को शामिल नहीं किया गया है। यही नहीं, जगन्नाथपुर मंदिर के संस्थापक ठाकुर एनीनाथ शाहदेव के वंशज व मंदिर के प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी को भी मंदिर संचालन समिति से बाहर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा नवगठित कमेटी में एक को छोड़कर शेष सभी पदधारी व सदस्य धार्मिक-आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़े नहीं हैं और न ही जगन्नाथपुर मंदिर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी रखने वाले हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा नवगठित कमेटी में मंदिर के संस्थापक के वंशज व उनके प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी को शामिल नहीं किया जाना बोर्ड के अधिकारियों की मानसिक दिवालियापन का परिचायक है। इस संबंध में श्री शाहदेव ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। प्रेस वार्ता में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह ने बताया कि याचिका में मुख्य रूप से कानूनी मुद्दा यह है कि प्रार्थी लाल प्रवीर नाथ शाहदेव एक लम्बे समय से मंदिर के पुर्ननिर्माण, विकास व संचालन सही रूप से करने के लिए सदैव संघर्षरत रहे हैं तथा कानूनी रूप से जो भी कदम होता है, वह उनके द्वारा उठाया जाता रहा है। श्री सिंह ने कहा कि न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालयों ने भी उनके विचारों एवं आवेदन को पूर्व मेंस्वीकार किया है। वर्तमान में मंदिर संचालन के लिए न्यास बोर्ड द्वारा जो समिति बनी है, वह प्रार्थी के ही आवेदन एवं उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गठन हो सका है। लेकिन प्रार्थी को एक षडयंत्र के तहत जान-बूझकर समिति से बाहर कर दिया गया है तथा किसी भी मुख्य भूमिका में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि
यह हास्यास्पद है कि रांची के उपायुक्त को भी इस समिति से बाहर कर दिया गया है, जो पदेन कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं। प्रार्थी लाल प्रवीर नाथ शाहदेव द्वारा पूर्व में मंदिर के न्यास समिति में खजांची / ट्रेजरर के रूप में अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन किया गया था। वे हमेशा जगन्नाथपुर मंदिर के विकास के लिए अपनी जिम्मेदारी लेते हुए अधिकारियों एवं संबंधित सरकारों से अनुरोध करते रहे हैं। श्री शाहदेव जगन्नाथपुर मंदिर के संस्थापक ठाकुर एनीनाथ शाहदेव व उनके वंशज अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के उत्तराधिकारी हैं। उन्हें जगन्नाथपुर मंदिर संचालन के लिए धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा नवगठित कमेटी में शामिल नहीं किया जाना अनुचित व गैरकानूनी है।
प्रेसवार्ता में उपस्थित झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हरदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रार्थी लाल प्रवीर नाथ शाहदेव की ओर से धार्मिक न्यास बोर्ड के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय का जो भी निर्णय होगा, प्रार्थी को स्वीकार्य होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments