विनय मिश्रा की रिपोर्ट
रांची। प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने की अहम जिम्मेदारी होती है। खासकर जिले के उपायुक्त पर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम का नेतृत्व करते हुए योजनाओं की मॉनिटरिंग सहित जनहित के कार्यों को त्वरित गति से निष्पादित करने का भी जिम्मा होता है। ऐसे ही एक कर्मठ और कर्तव्यनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं रांची के उपायुक्त छवि रंजन।
अपने प्रशासनिक जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने में छवि रंजन पूरी तरह से सक्षम साबित हो रहे हैं। प्रशासनिक कार्यों को निपटाते हुए कोरोना संक्रमण काल के दौरान जिले में लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के प्रति सदैव तत्पर रहना उनकी दिनचर्या में शुमार है। कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड की उपलब्धता सुनिश्चित कराना, उन्हें ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित अन्य आवश्यक उपकरण मुहैया कराना, योजनाओं की मॉनिटरिंग करते हुए अपने मातहत अधिकारियों को दिशा-निर्देश देना उनके दैनिक कार्यों की प्राथमिकताओं में शामिल करता है। कोरोना संक्रमण काल के दौरान उनकी उत्कृष्ट कार्यशैली प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों सहित आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बनी है। उन्होंने रांची में उपायुक्त का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही सक्रियता से कोरोना को काबू करने में अपनी प्रशासनिक क्षमता का उपयोग करना शुरू कर दिया। एक जांबाज योद्धा के रूप में कोरोना से जंग जीतने की जद्दोजहद करते हुए इसकी रोकथाम के लिए सक्रियता से जुटे हैं।
विदित हो कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान मनरेगा गरीबों के लिए जीविका चलाने में वरदान साबित हो रहा है। जिले के ग्रामीण और प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय करने के प्रति भी वह सदैव तत्पर हैं। उनका यह प्रयास है कि क्वॉरेंटाइन अवधि पूर्ण होने के साथ ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
कोरोना संक्रमण काल में निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने, सरकारी अस्पतालों में मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने,उनके परिजनों को शवों की अंत्येष्टि के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने सहित कोरोना से बचाव के मद्देनजर लागू लॉकडाउन का अनुपालन सुनिश्चित कराने के प्रति वह सदैव तत्पर दिखते हैं। कोरोना संक्रमण काल के दौरान उनके द्वारा किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की चहुंओर सराहना की जा रही है। सुबह-शाम, दिन-रात लोगों की सेवा करना उनकी खासियत है। दवाओं की कालाबाजारी और चिकित्सा उपकरणों की मुनाफाखोरी करने वालों पर शिकंजा कसने में भी उन्होंने तत्परता दिखाई है। निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना के इलाज में ओवरचार्जिंग की शिकायत मिलने पर वहां पहुंचकर मामले की तहकीकात में वे स्वयं जुट जाते हैं। उनका मानना है कि आपदा काल में अवसर तलाशकर कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वाले मानवता के दुश्मन हैं। इनकी नकेल कसना जरूरी है। उन्होंने कई निजी अस्पतालों की मनमानी पर रोक लगाने में भी सफलता पाई। मरीजों से अधिक राशि वसूलने वाले कई अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लापरवाही और मनमाने राशि वसूले जाने की शिकायत मिलने पर ऐसे अस्पताल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से वह जरा सा भी परहेज नहीं करते।
कुल मिलाकर कहा जाए तो रांची के उपायुक्त छवि रंजन की उत्कृष्ट कार्यशैली अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी अनुकरणीय ही नहीं, प्रेरणास्रोत भी है।