रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने अभ्रक उद्योग से जुड़े ढिबरा मजदूरों को अविलंब आर्थिक सहायता देने की मांग राज्य सरकार से की है। श्री सहाय ने इस संदर्भ में झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग और वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को पत्र लिखा है। अभ्रक उद्योग बचाओ संघर्ष मोर्चा के संरक्षक व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन जैसी कठिन परिस्थितियों में ढिबरा मजदूरों की दयनीय हालत पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए झारखंड सरकार से फौरन सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।
श्री सहाय ने झारखंड के वित्त तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव को पत्र लिखकर उनका ध्यान ढिबरा मजदूरों की सोचनीय स्थिति की ओर आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा है कि कोडरमा व गिरिडीह जिले में हजारों परिवार पूरी तरह ढिबरा चुनने के काम पर ही आश्रित हैं। ढिबरा मजदूर दलित, आदिवासी व अति पिछड़ा वर्ग के भूमिहीन और समाज के हाशिए पर पड़ा तबका है। पिछले साल से ही जारी कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न लॉकडाउन जैसे हालात एवं अभ्रक खदानों व कारखानों की बंदी ने इस तबके के रोजगार को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन के दौरान यह तबका पूरी तरह भूखमरी के कगार पर है। साथ ही महामारी के कारण ढिबरा मजदूरों का जीवन भी खतरे में है। इस तबके तक स्वास्थ सुविधाएं नहीं पंहुचती हैं. इनका रोजगार और स्वास्थ, दोनों संकट में है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्र लिखने के अलावा वित्त तथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव से फोन पर भी बात कर कोडरमा और गिरिडीह जिले के ढिबरा मजदूरों को फौरन खाद्य सुरक्षा व स्वास्थ सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की है। श्री सहाय ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री डॉ.उरांव ने ढिबरा मजदूरों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए दोनों जिलों के उपायुक्तों को इस बाबत शीघ्र ही जरूरी निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सहाय की इस जरूरी पहल का मोर्चा के संयोजक असीम सरकार, झारखंड लोकतांत्रिक मंच के अध्यक्ष अशोक वर्मा, डोमचांच माइका डीलर संघ के अध्यक्ष रामकुमार बर्णवाल तथा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनोज सहाय पिंकू ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि कोडरमा जिले के मेघातरी, इंदरवा, बदडीहा, गझंडी, जरगा, छतरबर, करमा, कोडरमा नगर पंचायत स्थित आदिम जनजाति बहुल गांव फुलवरिया, ढाब, बंगाखेलार, मसनोडीह, जानपुर, परहो, ढोढ़ाकोला, मधुबन, धरगांव, कोठियार, बेंदी, दसारो, राजा रायडीह आदि पंचायतों में मुख्य रूप से ढिबरा पाया जाता है। इन पंचायतों के हजारों गरीब तबके के लोग ढिबरा चुन कर ही किसी प्रकार जीवन यापन करते हैं. गिरिडीह जिले में तिसरी तथा गांवां प्रखंडों में भी हजारों लोगों की रोजी-रोटी का यही जरिया है। राज्य सरकार के सहयोग से भूखमरी झेल रहे ढिबरा मजदूरों को राहत मिलेगी।
अभ्रक उद्योग से जुड़े ढिबरा मजदूरों को अविलंब आर्थिक सहयोग दे सरकार : सुबोधकांत सहाय
Sourceनवल किशोर सिंह