Friday, May 17, 2024
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जातीय जनगणना में ओबीसी को शामिल करे केंद्र सरकार: कैलाश यादव

आरक्षण सीमा बढ़ाने की नीति तैयार करने के लिए दस सदस्यीय मैनिफेस्टो समिति गठित



रांची। झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच के केंद्रीय अध्यक्ष कैलाश यादव ने जातीय जनगणना में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को शामिल नहीं करने पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अतिरिक्त कोई जातीय जनगणना नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि देशभर के ओबीसी जानना चाहते हैं कि आखिर सरकार को ओबीसी की जनगणना से परहेज क्यों है। क्यों ओबीसी जातियों को पूर्व की भांति जनगणना में शामिल नहीं किया जा सकता? क्या यह ओबीसी समुदाय के अधिकारों का हनन नहीं है? जब इनकी जनगणना ही नहीं की जायेगी तो इनके लिए केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन किस आधार पर होगा? क्या आरक्षण के साथ साथ इन्हें योजनाओं के लाभ से भी वंचित करने की साजिश हो रही है? सरकार स्पष्ट करे ओबीसी के साथ यह भेदभाव क्यों ?
उक्त बातें हरमू में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए श्री यादव ने कही। उन्होंने कहा कि ओबीसी हाशिये में हैं। 27 फीसदी आरक्षण का लाभ देने से उन्हें रोका जा रहा है। नीट की परीक्षा से ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर इस समुदाय को चिकित्सक बनने से भी रोका जा रहा है। यदि इसी तरह केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी के विरोध में निर्णय लिए जाते रहे तो ओबीसी समुदाय की आने वाली पीढ़ियों के समक्ष बड़ी खाई खड़ी हो जायेगी, जिसे पार करना सम्भव नहीं होगा।
यह सामाजिक भेदभाव कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
देशभर में इसे लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समुदाय से आते हैं और ओबीसी के मुखिया बनने का दंभ भरते हैं, लेकिन इसकी जनगणना कराना नहीं चाहते। केंद्र सरकार इस पर पुनः निर्णय ले और ओबीसी की जनगणना कराये अन्यथा जनता के रोष का सामना करने के लिए तैयार रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि ओबीसी को 27 एवं एससी को 15 प्रतिशत आरक्षण सीमा बढ़ाने हेतु दस सदस्यीय मैनिफेस्टो समिति बिंदूवार रिपोर्ट तैयार करेगी।
ओबीसी के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच ने दस सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में ओबीसी समुदाय के सभी वर्ग के सदस्यों को शामिल किया गया है।
समिति का कार्य ओबीसी के हक में बिंदुवार मैनिफेस्टो तैयार कर 10 दिनों के भीतर केंद्रीय अध्यक्ष को सौंप दिया जाएगा, ताकि मंच के द्वारा आगे की रणनीति पर उचित कार्रवाई की जा सके। श्री यादव ने कहा ओबीसी के हक में लड़ाई जारी रहेगी। उन्हें संवैधानिक रूप से मिलने वाली ओबीसी को 27 एवं एससी को 15 फीसदी आरक्षण हर हाल में मिलना ही चाहिए। संस्थानों में नामांकन से लेकर नियुक्ति में ओबीसी आरक्षण को दरकिनार कर सामाजिक समानता नहीं लाई जा सकती। केंद्र एवं राज्य सरकार इस पर अविलंब संज्ञान में ले और ओबीसी के हक में उचित निर्णय ले।
बैठक में बीएल पासवान,रामकुमार यादव,योगेन्द्र शर्मा,सुरेश राय,नीलम देवी,आशा पासवान,शंकर यादव, सुबोध ठाकुर, प्रेम कु महतो,बृजनाथ राय,शत्रुघ्न राम,सागर कुमार,मनोज वर्मा व अन्य मौजूद थे। उक्त जानकारी केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. मुजफ्फर हुसैन ने दी।

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