रांची। उपायुक्त छवि रंजन ने सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में कोविड-19 की रोकथाम हेतु गठित जिलास्तरीय विभिन्न कोषांगों के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में सभी कोषांगों के नोडल पदाधिकारियों से कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। बैठक में सबसे पहले उपायुक्त ने कोरोना संक्रमण के दौरान कोषांगों और संबंधित पदाधिकारियों के कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की पूरी टीम की उपलब्धि है कि हम कोरोना को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल हुए हैं। कोरोना से जंग जारी है। अब हमें अपने अनुभवों से सीख लेते हुए आगे कार्य करने की आवश्यकता है। ताकि कोरोना को जड़ से समाप्त किया जा सके।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सदर अस्पताल और शहरी सामुदायिक केन्द्र रेसालदार, डोरंडा में कोविड मरीजों के मौजूदा हालात की जानकारी ली। संबंधित पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सीएचसी रेसलदार में चार मरीज इलाजरत हैं, जिन्हें जल्द ही छुट्टी मिल जायेगी। उपायुक्त ने कहा कि अब कोरोना के मरीज आते हैं तो उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा। उन्होंने सीएचसी रेसलदार में पोस्ट कोविड ओपीडी शुरु करने का निर्देश दिया। बैठक के दौरान उपायुक्त ने जिला में एक्टिव कंटेनमेंट जोन की समीक्षा करते हुए संबंधित पदाधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जहां मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, वहां से कंटेनमेंट जोन को डिनोटिफाई करें। होम आइसोलेशन कोषांग की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने होम आइसोलेशन के मरीजों को ससमय मुख्यमंत्री कोरोना किट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने आइसीएमआर, सीवी और फैसिलिटी ऐप में अद्यतन डेटा अपलोड करने का निर्देश दिया। काॅन्टैक्ट टेस्टिंग एंबुलेंस, वाहन एवं अन्य कोषांगों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित नोडल पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
बैठक के दौरान उपायुक्त छवि रंजन ने जिला में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या के बारे में भी जानकारी हासिल की। ब्लैक फंगस के संबंध में उन्होंने फाॅर्मेट तैयार कर रिपोर्ट देने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया। उपायुक्त ने कहा कि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख करें कि मरीज की होम आइसोलेशन हिस्ट्री है या नहीं, उसे स्ट्राॅयड दिया गया या नहीं, क्या मरीज स्टीमिंग करता था, क्या उसे डाॅयबिटीज है और क्या उसे इंडस्ट्रियल ऑक्सिजन मिला।
बैठक के दौरान जिला में वैक्सीनेशन कार्य की विस्तार से समीक्षा की गयी। उन्होंने पदाधिकारियों से टीकाकरण पर फोकस करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिला को जितने वैक्सीन उपलब्ध करायें गये हैं, सभी का समुचित उपयोग करें, इस बात का विशेष ध्यान रखें कि टीके की बर्बादी न हो। टीकाकरण को लेकर लोगों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए उपायुक्त ने व्यापक स्तर पर जागरुकता फैलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों में जाकर जनप्रतिनिधियोें से मिलें, उनका वैक्सीनेशन करायें और उनके माध्यम से लोगों को टीका लेने के लिए जागरुक करें।
उपायुक्त ने एक बार फिर रांचीवासियों से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बरतें। अभी भी संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, कोरोना से संबंधित दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें और टीका अवश्य लें। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों के लिए आॅन स्पाॅट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है, साथ ही 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों से भी उपायुक्त ने टीका लेने की अपील की।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने आपदा की घड़ी में पदाधिकारियों की सक्रियता और उनके कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कई पदाधिकारी इस दौरान कोविड पाॅजिटीव भी हुए और अपने कार्य का निर्वहन भी करते रहे, जो काबिले तारीफ है।