रांची। झारखंड में बच्चों पर कोरोना के पड़ने वाले प्रभाव को लेकर यूनिसेफ एवं पाॅलिसी डेवलपमेंट एडवाइजरी ग्रुप (पीडीएजी) द्वारा बुधवार को आॅनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग की मंत्री जोबा मांझी एवं दस विधायकों ने भाग लिया। वेबीनार में कोरोना का बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव एवं उसके समाधान को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर यूनिसेफ झारखंड के प्रमुख प्रसांत दाश ने कहा, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के कारण बहुत सारे बच्चों ने या तो अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया है। इसके कारण उनकी शिक्षा एवं मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए विधायकों के साथ वर्चुअल वेबिनार का आयोजन किया, ताकि बच्चों के संरक्षण एवं उनकी भलाई को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाया जा सके।
इस अवसर पर महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग की मंत्री जोबा माझी ने कहा, ‘‘बच्चे हमारी प्राथमिकता में हैं और सरकार उनके कल्याण एवं सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोविड के दूसरे लहर ने बच्चों को बुरी तरह प्रभावित किया है। हमें इन बच्चों की भलाई के लिए काम करने की जरूरत है। उन्होंने विधायकों से अनुरोध किया कि वे शेल्टर होम की स्थिति की निगरानी करें, साथ ही चाइल्ड लाइन नंबर – 1098 तथा सरकार द्वारा जारी नंबर – 181 के बारे में जागरूकता पैदा करें।’’
इस अवसर पर विधायक पूर्णिमा सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में एक वैन मुहैया कराया है, ताकि कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों को जागरूक किया जा सके और प्रभावित बच्चों के आंकड़े जुटाए जा सकें। उन्होंने कमजोर एवं वंचित बच्चों के हित में इस प्रकार के बैठक के नियमित आयोजन की आवश्यकता पर भी बल दिया।
जामताड़ा विधायक डाॅ. इरफान अंसारी ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों के लिए एक अलग वार्ड के बारे में योजना बनाकर उसे कार्यरूप में उतारा जाए, ताकि बच्चों को उचित चिकित्सा प्राप्त हो सके।
कार्यक्रम में जामा की विधायक सीता सोरेन, गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार, खिजरी के विधायक राजेश कच्छप, पोटका के विधायक संजीव सरदार, मझगांव के विधायक निरल पूर्ति तथा बेरमो के विधायक अनूप सिंह ने भी भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।
यूनिसेफ झारखंड की कम्यूनिकेशन आॅफिसर, आस्था अलंग ने कहा, ‘‘हमें अनाथ बच्चों को गोद लेने को लेकर भ्रामक सूचनाओं को रोकने एवं इसके स्थान पर बच्चों को गोद लेने को लेकर सही प्रक्रिया के बारे में सही जानकारी लोगों तक पहुंचान की जरूरत है।’’
यूनिसेफ की बाल संरक्षण विशेषज्ञ, प्रीति श्रीवास्तव ने कोविड के कारण प्रभावित बच्चों की सुरक्षा उपायों को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा, ‘‘बाल मित्र निर्वाचन क्षेत्रों की स्थापना जैसी पहल के माध्यम से जहां सभी बच्चों का ख्याल रखा जा सकेगा साथ उनकी शिक्षा, सुरक्षा तथा भलाई को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
वेबीनार में यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ, डाॅ. राहुल कापसे ने कहा, ‘‘इस महामारी में बच्चे एवं माता-पिता दोनों डरे हुए और चिंतित हैं। उनकी चिंता को उनके दिमाग से दूर करने की जरूरत है।