रांची। झारखंड ओबीसी आरक्षण मंच के अध्यक्ष कैलाश यादव ने मंडल दिवस के अवसर पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह सरकार द्वारा सात अगस्त 1990 को मंडल कमीशन लागू करने की सिफारिश की गई थी।
लेकिन अफसोस की बात है कि झारखंड राज्य में ओबीसी को जनसंख्या के हिसाब से उनका वाजिब हक नहीं मिल रहा है।
सर्वविदित है कि मंडल कमीशन विरोधी पार्टी बीजेपी ने झारखंड गठन के बाद राज्य में बहुसंख्यक ओबीसी समाज एवं अनुसूचित जाति के आरक्षण को वर्ष 2002 में तत्कालीन बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली सरकार ने कटौती कर ओबीसी वर्ग के साथ बहुत अन्याय किया।
ओबीसी आरक्षण मंच की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की गई कि राज्य के ओबीसी एवं अनुसूचित जाति को उनके मिले मौलिक अधिकारों का सम्मान करते हुए ओबीसी को 27 एवं एससी को 15 फीसदी आरक्षण सीमा बढ़ाने की घोषणा करें और राज्य में मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू कर सामाजिक न्याय के साथ विकास करने का प्रगतिशील समाज का सपना को साकार करें।
इसके साथ ही जातिगत जनगणना कराने, आरक्षित वर्ग को बैक लॉग नियुक्तियां कर नौकरी के साथ समुचित सुविधाएं देने,
आबादी के अनुसार सभी को उनकी हिस्सेदारी देने की मांग की।
मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू कर सामाजिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करें मुख्यमंत्री : कैलाश यादव
Sourceनवल किशोर सिंह