रांची। भारतीय प्रशासनिक सेवा 1991 बैच के अधिकारी व पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) के उपायुक्त तथा पलामू के आयुक्त पद से सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एमपी मिश्रा रक्तदान को काफी पुनीत कार्य मानते हैं। श्री मिश्रा विभिन्न विभागों में सेवाकाल के दौरान अपने कार्यों का उत्कृष्ट तरीके से निर्वहन करने के साथ-साथ रक्तदान को भी प्रोत्साहित करते रहे हैं। श्री मिश्रा बताते हैं कि उन्होंने दो बार रक्तदान किया। वह भी अपने मित्र की पत्नी के लिए के लिए। इसी वजह से वे अपने मित्र को यह कहते हैं कि आपसे मेरा खून का रिश्ता है। यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि जिसके साथ रक्त का संबंध जुड़ जाए, उसके साथ संबंध निश्चित तौर पर काफी प्रगाढ़ हो जाता है। श्री मिश्रा भारतीय प्रशासनिक सेवा के तेजतर्रार,कर्मठ अधिकारी के रूप में पहचाने जाते रहे हैं। उन्होंने बिहार और झारखंड में बतौर आईएएस अधिकारी अपनी सेवाएं दी। श्री मिश्रा का शिक्षा से भी काफी जुड़ाव रहा। वे लेक्चरर भी रह चुके हैं। पलामू के सत्रहवें उपायुक्त के पद से वे सेवानिवृत्त हुए। रक्तदान के प्रति लोगों को प्रेरित करते रहना और रक्तदान शिविरों में सक्रिय सहभागिता निभाना उनकी आदतों में शुमार है। वह कहते हैं कि रक्तदान जीवनदान है। इससे बड़ा मानव धर्म कुछ भी नहीं है।