रांची। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगभग 16 महीने से सरकारी, गैर सरकारी स्कूल बंद हैं। स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों के स्वास्थ्य पर तो गहरा असर पड़ ही रहा है, वहीं, ऑनलाइन क्लासेस की जरूरतों को पूरा करने में अभिभावक परेशान हैं। इसके बावजूद अभिभावक भी चाहते हैं कि स्कूल खुले और पूर्व की तरह बच्चे स्कूल जाएं। लेकिन राज्य सरकार के सामने शिक्षा की कोई प्राथमिकता नहीं रह गई है। उक्त बातें झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कही।
उन्होंने कहा कि लगभग तीन महीने से झारखंड अभिभावक संघ राज्य सरकार से आग्रह कर रही है कि शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए सबसे पहले स्कूलों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी,ड्राइवर, स्टाफ का वैक्सीनेशन किया जाय, लेकिन सरकार इस दिशा में उदासीन है।
श्री राय ने कहा कि जिस प्रकार सरकार में शामिल प्रमुख घटक दल के चंद स्वार्थी नेता सिर्फ अपना हित साधने के लिए स्कूल खुलवाने को लेकर परेशान हैं, उसी तरह पहले स्कूलों के सभी शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों व अन्य कर्मियों का अनिवार्य रूप से वैक्सीनेशन कराने की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए, ताकि स्कूल खुलने के बाद कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका बिल्कुल न रहे। लेकिन इस दिशा में राज्य सरकार के समर्थक चंद स्वार्थी नेताओं का ध्यान नहीं जा रहा है।
उन्होंने कहा कि निजी स्कूल प्रबंधन के हित के लिए राज्य सरकार में शामिल प्रमुख घटक दल के कुछ नेतागण काम कर रहे हैं। उन्हें अभिभावकों और बच्चों के हित की जरा भी चिंता नहीं है। अभिभावक और छात्र हित में समुचित कदम उठाने की बजाय निहित स्वार्थों से प्रेरित होकर ऐसे ढोंगी नेता निजी स्कूल प्रबंधन को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें अभिभावक व छात्र हित से कोई मतलब नहीं रह गया है।
श्री राय ने झारखंड अभिभावक संघ की ओर से सीबीएसई और जैक बोर्ड की 10वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षा में सफल छात्रों को बधाई दी।
शिक्षा की उपेक्षा कर रही है राज्य सरकार : अजय राय
Sourceनवल किशोर सिंह