रांची। युवावस्था में समाजसेवा के प्रति समर्पण बहुत कम ही देखने को मिलता है। अमूमन यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही कुछ युवा अपने भविष्य और कैरियर निर्माण की दिशा में अग्रसर होते हैं। वहीं, कुछ युवा दिग्भ्रमित होकर समाज की मुख्यधारा से भटकने लगते हैं। ऐसे में युवाओं को सही मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है,जो पथ-प्रदर्शक के रूप में जीवन के लक्ष्य के अनुरूप मंजिल की ओर सफलतापूर्वक आगे बढ़ने में मददगार साबित हो सके। ऐसे ही युवा पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं राजधानी के रातू रोड (शास्त्री चौक) स्थित तिवारी गली निवासी युवा समाजसेवी सोनू वर्मा। वे युवाओं के हमसफर और मार्गदर्शक के रुप में भी लोकप्रिय हैं। छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हुए वे सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। शहर में किसी भी धर्म, संप्रदाय का पर्व-त्योहार हो या अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियां हो, उसमें सोनू वर्मा अवश्य शामिल होते हैं। सामाजिक समरसता को स्वस्थ और समृद्ध समाज के लिए आवश्यक मानते हुए सोनू सर्वधर्म-समभाव की भावना से ओतप्रोत होकर सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पित रहते हैं। सोनू की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा रातू रोड स्थित गौरी दत्त मंडेलिया हाई स्कूल से हुई। वहीं से उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। तत्पश्चात मारवाड़ी स्कूल से इंटरमीडिएट किया। मूल रूप से पलामू जिला अंतर्गत तरहसी प्रखंड के मटकपूरही गांव निवासी सोनू वर्मा को समाजसेवा की प्रेरणा उनके पिता स्व. संपत राम वर्मा से मिली। गरीबों और बेसहारों की सेवा करना, जरूरतमंदों की मदद करना उनकी दिनचर्या में शुमार है। सोनू एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल से भी जुड़े हैं। वे वर्तमान में झारखंड राज्य चंद्रवंशी युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं। बावजूद इसके, दलगत राजनीति से परे हटकर समाजसेवा के क्षेत्र में उनका उत्कृष्ट योगदान रहता है। इस दिशा में उनका प्रयास सराहनीय ही नहीं, बल्कि युवा वर्ग के लिए अनुकरणीय भी है। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान सोनू वर्मा शहर के विभिन्न इलाकों में अपने राजनीतिक दल के सहयोगियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति जुटे रहे। लाॅकडाउन के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के प्रति उनका जज्बा और जुनून देखते ही बनता था। सोनू कहते हैं कि बेघर, बेसहारों और बेहद गरीबों की सेवा करने से बड़ा कोई मानव धर्म नहीं है। पीड़ित मानवता की सेवा करने से सुखद अनुभूति होती है। इससे मानव जीवन की सार्थकता सिद्ध होती है। युवाओं के प्रति अपने संदेश में सोनू कहते हैं कि जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर ईमानदारी, लगन और मेहनत से आगे बढ़ते रहें, तो सफलता अवश्य कदम चूमेगी। उन्होंने युवाओं से अपनी ऊर्जा का सदुपयोग सकारात्मक कार्यों में करने की अपील की।