रांची। राजधानी के कचहरी चौक पर भारतीय दलित वर्ग संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन कुमार कालिंदी की अध्यक्षता में पूर्व प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की 35 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।
मौके पर अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा कें राष्ट्रीय महासचिव उपेंद्र कुमार रजक उपस्थित थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के अवसर पर उनके जीवन व संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए सूरेन कालिंदी व राष्ट्रीय महासचिव उपेंद्र कुमार रजक ने कहा कि बाबू जगजीवन का जन्म 5 अप्रैल 1908 को भोजपुर जिला के चांदवा गांव में एक दलित परिवार में हुआ था। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ थे। भारत के प्रथम दलित प्रधानमंत्री थे। संसदीय लोकतंत्र के विकास में उनका अमूल्य योगदान था। वह 28 साल के उम्र में ही 1936 में बिहार विधान परिषद के सदस्य नामित हुए। इसी तरह से वे कई बार विधायक/सांसद राज्य व केंद्रीय मंत्री/ उप-प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने अपने जीवन में कई उतार- चढ़ाव के बाद सफलता पाई। देश के करोड़ों दलित/आदिवासी/ पिछड़े /अल्पसंख्यक उन्हें अपना मसीहा मानते थे। श्री रजक ने कहा कि आज जरूरत ऐसे महापुरुष के विचारों को अपना कर आगे बढ़ने का है, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पूर्व प्रधानमंत्री जगजीवन राम की 35वीं पुण्यतिथि मनाई गई
Sourceनवल किशोर सिंह