जमशेदपुर :
सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी जमशेदपुर ने अपने अहम बैठक में फ़ैसला सुनाया है कि बारात में लड़कियों के नाचने पर पूर्ण पाबंदी होगी। इस फ़ैसले को नहीं मानने पर 5100 का जुर्माना भी लगाया जाएगा।यह फैसला रविवार को सीजीपीसी की आमसभा में लिया गया। बैठक में गुरुद्वारा का संविधान संशोधन और विवाह के नियम सख़्ती से लागू कराने पर कमिटी ने अपनी सहमति दी है।
बैठक में सुनिश्चित किया गया कि सिख समाज में अब कोई भी आनंद कारज (विवाह) दिन के 12 बजे के बाद नहीं होगा। वहीं जिस बारात में शामिल युवतियां बीच सड़क पर डांस करती नजर आयेंगी, उस बारात के दुल्हे का आनंद कारज भी गुरुद्वारा में नहीं होने दिया जायेगा।
कमिटी के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ने कहा की गुरुद्वारों के नोटिस बोर्ड व हॉल बुक व गुरुद्वारा में शादी करने के लिए पत्र देने आये लड़का (वर) व लड़की (वधू) पक्ष को नियम पालने करने संबंधी पत्र दिया जायेगा। इसके बाद भी अगर कोई नियम पालन नहीं करता है, तो उनपर 5100 का जुर्माना लगाते हुए उनका विवाह गुरुद्वारा में नहीं होने दिया जाएगा। 12 बजे के बाद आनंद कारज करने पहुंचे लड़का-लड़की पक्ष के लोग खुद ग्रंथी व कीर्तनी जत्था का अपने स्तर पर इंतजाम करेंगे। आनंद कारज के समय लड़की का पहनावा सलवार सूट होगा। बारात आगमन पर फ़ीता कटाई की रश्म पर भी पाबंदी रहेगी, साथ ही जयमाला की रश्म भी प्रतिबंधित रहेगा। रात की बारात पर भी पाबंदी लगाई गई है। एक पक्ष यदि शहर से बाहर का हो तो ऐसी परिस्थिति में गुरुद्वारा कमिटी को विश्वास में लेकर बारात के समय में परिवर्तन संभव है। दोनों पक्ष की रज़ामंदी से रात की साझा पार्टी का आयोजन किया जा सकता है। आमसभा में कहा गया कि लेट से बारात आने पर कुछ लड़का पक्ष के लोग गुरुद्वारा कमेटी को फाइन देकर आनंद कारज करा लेते थे, लेकिन अब गुरुद्वारा कमेटी फाइन करने के बजाय सख्ती से नियम लागू करने का काम करेगी।
धार्मिक कार्यक्रमों में लड़कियों के जींस पैंट पहनने पर रोक:
नगर कीर्तन या धार्मिक कार्यक्रमों में लड़कियों के जींस पैंट पहनने पर रोक लगा दी गई है। कमिटी का कहना है कि पहनावे में पर्दा होना आवश्यक है। साथ ही किसी व्यक्ति के देहांत के बाद चौथे की रश्म या मोड़ी-मकान रश्म पर भी पाबंदी रहेगी। बुजुर्गों के देहांत के बाद उनकी अर्थी को सजाना या फल मेवे बाँटने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है।
बैठक में अध्यक्ष सरदार शैलेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह तोते, संरक्षक गुरदीप सिंह पप्पू आदि उपस्थित थे।