श्याम सुंदर ( गया ब्यूरो )
गया। नक्सल ऑपरेशन में शामिल होने वाला 29 वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल का जांबाज श्वान चेकी (डॉग) नहीं रहा। शनिवार का इसकी मौत हो गई। यह वर्ष 2010 से सशस्त्र सीमा बल के साथ था। सशस्त्र सीमा बल के बहादुर और जांबाज श्वान चेकी (डॉग) की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार के पूर्व गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 10 साल तक नक्सल ऑपरेशनों में बड़ी भूमिका निभाने वाले इस साथी के बिछड़ने के बाद सशस्त्र सीमा बल के अधिकारियों और जवानों की आंखें नम थी। सहायक कमांडेंट रामवीर कुमार ने बताया गया है कि जांबाज चेकी अचानक शनिवार को बीमार हो गया था और उसका इलाज पास के पशु चिकित्सालय ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। इसकी सूचना तबीयत बिगड़ने पर सशस्त्र सीमा बल 29 वी वाहिनी मुख्यालय को दी गई जहां सेक्टर मुख्यालय गया से कमांडेंट पशु चिकित्सा डॉक्टर जेके शर्मा अपनी टीम के साथ सशस्त्र सीमा बल बाराचट्टी ‘ए’ कंपनी पहुंचे।
जिले के ऐसे क्षेत्र काफी अतिसंवेदनशील हैं। इन इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा लेने में जवानों के साथ-साथ प्रशिक्षित डॉग उत्कृष्ट भूमिका निभाते रहे हैं। श्वान चेकी (डॉग) काफी ट्रेंड और बहादुर-जांबाज था। अधिकारियों व जवानों ने दी श्रद्धांजलि राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के दौरान अधिकारियों एवं जवानों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में सशस्त्र सीमा बल के कमांडेंट पशु चिकित्सा डॉक्टर जेके शर्मा, डिप्टी कमांडेंट रामकुमार, सहायक कमांडेंट रामवीर कुमार सहित कई अधिकारीयों व जवानों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी।