झारखंड के शिक्षा विभाग ने वर्ष 2023 में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले 200 सरकारी स्कूलों को टारगेट में लिया है। शिक्षा विभाग के द्वारा खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षकों पर कार्रवाई करने की तैयारी है।
इस साल बहुत ख़राब परिणाम रहे थे
इस वर्ष मई में प्रकाशित मैट्रिक-इंटर रिजल्ट में कई स्कूलों में रिजल्ट 60% या उससे भी नीचे हुआ था। जिसे लेकर सरकारी विद्यालय एवं शिक्षकों की गुणवत्ता पर कई सवाल उठे थे। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार को ख़राब प्रदर्शन करनेवाले विद्यालयों की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया था। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल से राज्य भर में खराब प्रदर्शन करने वाले सभी स्कूलों की लिस्ट माँगी थी।
प्राचार्य और शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
झारखंड शिक्षा विभाग ने जैक बोर्ड के द्वारा आयोजित इस साल की परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले 200 सरकारी विद्यालयों की सूची तैयार की है। इन विद्यालयों के प्राचार्य से शिक्षा विभाग ख़राब प्रदर्शन से संबंधित पूछताछ करेगी और कारणों को ढूंढ कर इसका समाधान भी निकालने का प्रयास किया जायेगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार ने बताया कि विद्यालयों के प्राचार्य के साथ राँची में 2 दिन बैठक की जायेगी जिसमें प्रत्येक दिन 100 स्कूलों की समीक्षा की जाएगी, साथ ही रिजल्ट खराब आने के कारणों के बारे में जाना जाएगा। सचिव ने साफ़ तौर पर कहा है कि स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ-साथ उन विषयों जिसमें छात्र-छात्रा पास नहीं कर सके हैं उसके शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाई जाएगी
ख़राब प्रदर्शन करनेवाले इन स्कूलों के प्राचार्य को स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के और भविष्य में अच्छे प्रदर्शन का स्पष्ट निर्देश दिये जाएँगे। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है उन स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने के प्रयास विभाग के द्वारा किए जाएंगे।