Saturday, May 18, 2024
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बाज़ार में उपलब्ध जूस आपको बीमार कर सकते हैं, आर्सेनिक और लेड जैसे ख़तरनाक तत्व हैं शामिल

लेड हमारे शरीर के लिए बहुत ही ख़तरनाक तत्व है, जो बच्चों में कई मानसिक समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।

ज़िंदगी की भागदौड़ में समय की कमी के कारण लोग अपनी सेहत को नज़रअंदाज़ करते जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप हाल के दिनों में लोगों के बीमार पड़ने की श्रृंखला में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि पाई गई है। ज़्यादातर लोग पैक्ड फूड्स और ड्रिंक्स को अपने रोज़मर्रा के खानपान में शामिल किए हुए हैं। अच्छी सेहत के लिए फलों के जूस बेहद फ़ायदेमंद होते हैं बशर्ते कि वे ताजे और शुद्ध हों। लेकिन यदि आप बाज़ार में उपलब्ध पैक्ड जूस का सेवन करते हैं तो यह जान लेना बहुत ज़रूरी है कि क्या ये आपकी सेहत के लिए फ़ायदेमंद हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप जिसे अपनी सेहत के लिए पौष्टिक समझ कर उसका सेवन कर रहे हैं वह आपको नुक़सान पहुँचा रहा हो!

परीक्षण में जूस के दावे ग़लत पाये गए

बाज़ार में उपलब्ध जूस के बारे में क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों ने ताजे फलों के जूस को प्राथमिकता देते हुए उनका ही सेवन करने पर ज़ोर दिया है, लेकिन यदि आपके पास ताजे फलों की उपलब्धता नहीं है तो ऐसे में एक साल के भीतर बनी पैकेज्ड जूस को पीने की स्वीकृति देते हैं।

  • जूस जो पैक किए जाते हैं और जिनमें पेटुलिन होता है, संभवतः निम्न गुणवत्ता वाले फलों से बनाए गए हैं।
  • सेब, नाशपाती और अंगूर स्वाभाविक तौर पर कुछ मात्रा में आर्सेनिक को अवशोषित कर लेते हैं जो प्राकृतिक रूप से मिट्टी में होता है या कीटनाशकों के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि यदि आप आर्सेनिक युक्त पानी से बने जूस को कंसंट्रेट से मिलाते हैं तो उनमें आर्सेनिक की मात्रा अधिक हो सकती है। शरीर के लिए इन तत्वों को नुकसानदायक पाया गया है।
  • पैक्ड जूस आमतौर पर स्वाद में अच्छे होते हैं और मीठा स्वाद देते है। हालांकि इसके लिए उनमें कृत्रिम स्वाद और एडेड शुगर मिलाया जाता है, ये दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
  • डायबिटिक या फिर अधिक वजन के शिकार लोगों को पैक्ड जूस का सेवन नहीं करना चाहिए।
बाज़ार में उपलब्ध जूस सेहत को नुक़सान पहुँचा रहे हैं

आइये जानते हैं पैक्ड जूस की वास्तविकता:

पैक्ड जूस में एक बोतल या डब्बे में फलों के रस को प्रोसेसिंग के पश्चात डाला जाता है। ज़्यादा समय तक जूस को रखने के बाद वह ख़राब हो जाता है और वह उपयोग करने लायक़ नहीं रहता। जूस जल्दी ख़राब न हो और लाइफ को बढ़ाने के लिए उसमें कुछ प्रकार के प्रिजर्वेटिव और एडेड शुगर की मिलाई जाती है। जूस को लंबे समय तक सुरक्षित रखने वाले ये कैमिकल्स मनुष्य की शरीर के लिए कई तरह से हानिकारक साबित होते हैं। आमतौर पर सभी जानते हैं कि सिर्फ़ ताजे फलों के जूस ही हमारे लिए फ़ायदेमंद हैं।

फलों के जूस बच्चों से लेकर बड़ों तक ज़्यादातर लोगों के द्वारा पसंद किया जाता है। सबको लगता है कि पैक्ड जूस शरीर को लाभ पहुंचाते हैं, पर वास्तव में हम इससे जितना लाभ सोचते हैं उतना मिलता नहीं है। इन जूस को लंबे समय तक चलाने के लिए कंपनियां कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल कर रही हैं जिससे ये जूस आपके लिए फायदे से ज्यादा नुकसानदायक भी हो सकते हैं।

बच्चों को जूस ज़्यादा पसंद होता है

लेड और आर्सेनिक जैसे ख़तरनाक तत्व शामिल हैं इन जूसों में

अध्ययनकर्ता कहते हैं, कई पैक्ड जूस को 100% रियल जूस का दावा करके बेचा जा रहा है। हालांकि रिपोर्ट्स कहती हैं ये इतने भी रियल नहीं होते हैं। इन जूस में अक्सर फ्लेवर, फूड कलरिंग या अन्य एडिटिव्स मिलाए जाते हैं। रिपोर्ट्स बताते हैं कि कई जूस में तो आर्सेनिक और लेड जैसे तत्व भी होते हैं, जिनके कई गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, और यह हमारे शरीर को ख़तरनाक रूप से अस्वस्थ कर सकते हैं । एक अध्ययन में 24 ऐसे ब्रांडों का परीक्षण किया गया। जिनमें से कई में लेड का स्तर अधिक था। ग़ौरतलब है कि लेड हमारे शरीर के लिए बहुत ही ख़तरनाक तत्व है, जो बच्चों में कई मानसिक समस्याएँ पैदा कर सकती हैं। इस परीक्षण के बाद FDA ने एप्पल जूस में आर्सेनिक की मात्रा को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।

FDA ने स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी दी है

FDA ने आर्सेनिक को लेकर निर्देश जारी किया

आर्सेनिक को पर्यावरण के लिए बहुत ही ख़तरनाक माना जाता है। सोचने वाली बात है की जो तत्व बाहरी पर्यावरण को इतना नुक़सान पहुँच सकता है वह हमारे शरीर के अंदर जाकर क्या हाल करेगा? FDA के अनुसार इससे होने वाले जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से एप्पल जूस में कितना अकार्बनिक आर्सेनिक मौजूद हो सकता है, इस को लेकर दिशानिर्देश जारी किया गया है। इसके अनुसार यह प्रति बिलियन का दसवां भाग हो सकता है। समय के साथ इसे और कम किया जा सकता है। आपको बता दें कि कार्बनिक आर्सेनिक, मछली और शेलफिश में दिखाई देता है और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, हालांकि अकार्बनिक आर्सेनिक मिट्टी, तालाबों के किनारे पर और ज़मीन के नीचे स्थित जल में होता है। 

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