Tuesday, July 9, 2024
HomeJHARKHANDआपसी भाईचारे का अनूठा मिसाल छोड़ जाती है 'रामनवमी'

आपसी भाईचारे का अनूठा मिसाल छोड़ जाती है ‘रामनवमी’

हजारीबाग नगर के लगभग सभी चौक - चौराहे राम भक्तों से भरी होगी । सड़कों पर लाखों की संख्या में राम भक्त गण नाचते नजर आ रहे होंगे। जय श्री राम ! जय श्री राम के नारे गूंज रहे होंगे। एक से एक अस्त्र शस्त्र परिचालन कर्ता अपने-अपने कर्तव्य दिखा रहे होंगे । परंपरागत बाजे - गाजे भी बज रहे होंगे । ढोल ताशा पार्टी के कलाकार अपनी कलाकारी दिखा रहे होंगे ।‌

हर साल रामनवमी आती है और आपसी भाईचारे और परस्पर सहयोग का एक अनूठा मिसाल छोड़ जाती है । तीन दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की खासियत यह है कि छोटे – बड़े, अमीर – गरीब का भेद मिटा कर जुलूस में शामिल राम भक्त एक दूसरे से गले मिलते हुए, नाचते हुए, अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए, आगे बढ़ते रहते हैं। सर्व विदित है कि चैत्र शुक्ल नवमी के दिन संपूर्ण देश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। इस अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों में जुलूस निकले जाते हैं। संपूर्ण देश में एक दिन में ही रामनवमी समाप्त हो जाती है । लेकिन हजारीबाग एक अनूठा ऐसा जिला है, जहां रामनवमी का यह जुलूस तीन दिनों तक चलता रहता है । इसलिए हजारीबाग की रामनवमी इंटरनेशनल रामनवमी और वर्ल्ड फेमस रामनवमी के नाम से जानी जाती है। हर साल रामनवमी का यह पर्व हम सबों को भाईचारे और एकता के बंधन में बांधकर हंसी-खुशी विदा हो जाता है। रामनवमी के अवसर पर इस जिले से निकलने वाले रामनवमी जुलूस शांतिप्रिया ढंग से बीते , इस निमित्त प्रशासनिक स्तर पर काफी अच्छी तैयारी की जाती है । राज्य सरकार का भी ध्यान विशेष तौर पर इस जिले पर रहती है। जुलूस में शामिल लोगों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, जिला प्रशासन द्वारा कई तरह की सेवा शिविरें लगाई जाती हैं। हर चौक चौराहे पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाते हैं । अस्त्र-शास्त्र परिचालन में किसी श्रद्धालुओं को चोट आने पर तुरंत प्राथमिक उपचार की व्यवस्था तक की जाती है।
आज रामनवमी का तीसरा दिन है। हजारीबाग वासी इस दिन को राम ग्यारहवीं के नाम से पुकारते हैं। अर्थात तीन दिनों से जारी यह जुलूस आज संध्या तक समाप्त हो जाएगा। बीते 106 वर्षों से यह जुलूस की परंपरा हजारीबाग में चली आ रही है।

रामनवमी का यह जुलूस अपने पूरे शौर्य रूप में होगा । हजारीबाग नगर के लगभग सभी चौक – चौराहे राम भक्तों से भरी होगी । सड़कों पर लाखों की संख्या में राम भक्त गण नाचते नजर आ रहे होंगे। जय श्री राम ! जय श्री राम के नारे गूंज रहे होंगे। एक से एक अस्त्र शस्त्र परिचालन कर्ता अपने-अपने कर्तव्य दिखा रहे होंगे । परंपरागत बाजे – गाजे भी बज रहे होंगे । ढोल ताशा पार्टी के कलाकार अपनी कलाकारी दिखा रहे होंगे ।‌ जुलूस में एक से एक झांकियां एक नजर आ रहे होंगे । हर झांकियां एक नई कहानी कह रही होगी। रामनवमी के इस जुलूस को खूबसूरत से खूबसूरत बनाने में रामनवमी समिति के सदस्य बीते एक महीने से लगे हुए थे। आज उन सबों को जो सराहना मिल रही होगी, इससे उन सबों का सीना चौड़ा हो रहा होगा।
हजारीबाग की रामनवमी तीन दिनों में कुछ ऐसा कर जाती है, जिसकी चर्चा सालों भर लोग करते थकते नहीं है ।‌ यहां के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा कई तरह के सेवा के शिविर लगाई जाती है। जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो, स्थानीय संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न तरह के सेवा शिविरों के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जाती हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक सामाजिक संस्था अन्नपूर्णा रसोई द्वारा न्यूनतम मूल्य पर मेले में आए श्रद्धालुओं के लिए पूड़ी ,बुंदिया और सब्जी की व्यवस्था गई है । बीते पंद्रह दिनों से अन्नपूर्णा रसोई के कार्यकर्ता गण मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूड़ी बुंदिया और सब्जी के इंतजाम में जुड़े हुए थे। अन्नपूर्णा रसोई के मुख्य कार्यकर्ता सुमेर सेठी ने बताया कि लगभग दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है । उनका मानना है कि ऐसा कर राम सेवा को आगे बढ़ा रहे हैं। अन्नपूर्णा रसोई के कार्यकर्ताओं के काम देखकर मन खुशियों से भर जाता है।‌ भगवान राम ने जिस राम राज्य की अवधारणा को त्रेता युग में स्थापित किया था, उसका जीवित रूप हजारीबाग में देखने को मिल रहा है। हजारीबाग में हर माह कोई न कोई त्यौहार जरूर दस्तक देता रहता है। सभी त्योहारों में इसी तरह के परस्पर सहयोग देखने को मिलते हैं, लेकिन रामनवमी के अवसर पर एक विशेष परस्पर सहयोग और आपसी भाईचारा दिखाई पड़ता है।
रामनवमी का अवसर पर श्रद्धालुओं की सेवा करते हुए एक असीम खुशी का अनुभव सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ता गण महसूस करते हैं। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में शुद्ध पेयजल जल की व्यवस्था की जाती है। जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं के लिए अस्थाई तौर पर शौचालय और मूत्रालय बनाए गए हैं। जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई दिक्कत न हो, इसका हर तरह से ख्याल रखा गया है।
विभिन्न सामाजिक संगठनों और समाज सेवी गण श्रद्धालुओं को पानी पिलाकर अपने आप को धन्य मान्य रहे हैं । हर वर्ष अग्रवाल समाज द्वारा श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क खिचड़ी, पूड़ी और सब्जी की व्यवस्था की जाती है। इस वर्ष भी यह व्यवस्था की गई है। रामनवमी का यह जुलूस जिन-जिन मार्गो से भी गुजर रहा है, वहां के निवासियों द्वारा फूल माला, गुलदस्ता,शरबत ,पानी आदि से स्वागत किया जा रहा है ।
रामनवमी का यह परू हम सबों को परस्पर सहयोग की सीख प्रदान करता है । यहां यह लिखना जरूरी हो जाता है कि हजारीबाग नगर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सहित विभिन्न धर्म और विचारों के लोग रहते हैं। सभी रामनवमी पर्व का इंतजार करते हैं। सभी अपने-अपने स्तर से जो भी सेवा बन पड़ता है, करने के लिए आतुर रहते हैं । हमारे मुस्लिम भाई, हमारे सिख भाई, हमारे जैन भाई रामनवमी के अवसर पर कई तरह के सेवा शिविरों के माध्यम से जुलूस में शामिल राम भक्तों की सेवा करते देखे जाते हैं। इस वर्ष भी मुस्लिम भाइयों द्वारा राम भक्तों के स्वागत में कोई कमी नहीं की गई है । हमारे सिख भाई भी हर साल की तरह इस वर्ष भी रामनवमी में शामिल श्रद्धालुओं की सेवा बढ़ चढ़कर कर रहे हैं ।‌ वहीं जैन समाज के लोग भी राम भक्तों की सेवा बढ़ चढ़कर कर रहे हैं।
रामनवमी का अवसर पर यहां का जो माहौल बनता है, यह सांप्रदायिक सौहार्द का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर जाता। संपूर्ण देशवासियों को हजारीबाग की रामनवमी पर विभिन्न संप्रदायों ,विभिन्न सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जो आपसी भाईचारे और परस्पर सहयोग प्रस्तुत कर जाते है, इससे प्रेरणा लेने की जरूरत है। इस वर्ष रामनवमी के जुलूस पर चैत्र रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष अमरदीप यादव द्वारा पुष्प वर्षा किए जाने की घोषणा हुई है । आज से कुछ वर्ष पूर्व हेलीकॉप्टर से राम भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई थी । उस नजारे को देखकर आज भी उसकी चर्चा करते लोग थकते नहीं है। इस वर्ष श्रद्धालुओं को गुलाब जल और इत्र से स्वागत किए जा रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा जुलूस में शामिल राम भक्तों की बड़ी सेवा की जा रही है । यह सेवा सकल समाज के लिए अनुकरणीय है। हिंदू संगठनों द्वारा राम के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य भी किया जा रहा है।
हजारीबाग में तीन दिनों तक चलने वाले इस रामनवमी के जुलूस में आपसी परस्पर सहयोग और भाईचारे का अनूठा उदाहरण मिलता ही है । वहीं जुलूस में मुस्लिम बिरादरी के लोग, सिख बिरादरी के लो, इसाई बिरादरी के लोग जुलूस में शास्त्र परिचालन कर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। रामनवमी का यह जुलूस गंगा जमनी संस्कृति का एक नायाब उदाहरण प्रस्तुत करता है । आज देश की एकता और अखंडता को बाधित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के साजिशें रची जाती हैं।‌ वहीं हजारीबाग की रामनवमी यह पर्व सभी धर्म, पंथ और विचार के लोगों को एक सूत्र में बांधकर सांप्रदायिक सौहार्द, आपसी भाईचारे और सहयोग का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments