श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों से निपटने के लिए भारतीय सेना और स्थानीय प्रशासन ने विशेष प्लान तैयार किया है. अपनी तरह के पहले आउटरीच में सेना और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के 80 से अधिक परिवारों के साथ बातचीत की. उनसे अपने लोगों को समाज में वापस लाने का आग्रह किया. पुलिस महानिरीक्षक कश्मीर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग 15 कोर, लेफ्टिनेंट जनरल और जीओसी, विक्टर फोर्स, मेजर जनरल दक्षिण कश्मीर के शोपियां में परिवारों के साथ बातचीत करने वालों में शामिल थे. सभी ने आतंकियों के परिवार वालों से उन्हें मुख्य धारा में लौटाने का आग्रह किया. उन्होंने परिवार वालों से कहा कि हम आपके बच्चों को सुरक्षा देंगे, अगर वे हथियार छोड़कर हमारे सामने आते हैं. अब यह आपको तय करना है कि वे हमसे मुकाबला करते हुए मारे जाते हैं या आतंक का रासता छोड़कर मुख्यधारा में वापस लौटते हैं. बता दें कि यह पहली बार था जब शीर्ष पुलिस और सेना के अधिकारियों ने दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों के परिवार के सदस्यों के साथ सीधे बातचीत की.सूत्रों ने कहा कि जो परिवार आए थे वे शोपियां, पुलवामा, कुलगाम और अनंतनाग जैसे दक्षिण कश्मीर के जिलों से थे.
एक विज्ञप्ति में, रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि बातचीत का उद्देश्य सक्रिय आतंकवादियों के परिवारों के बीच विश्वास पैदा करना और सुरक्षा बलों की मंशा को व्यक्त करना था. सामाजिक और पारिवारिक समर्थन पुरुषों को हिंसा और मौत के रास्ते से दूर कर सकता है. सुरक्षा बल बिना हथियारों के आतंकवादियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो आतंकी गतिविधियों को बनाए रखते हैं और उन्हें संभालते हैं. समग्र उद्देश्य हिंसा के चक्र को तोड़ना है.