गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माता जी अपने संग के साथ पांच मई को पारसनाथ स्थित शम्वेद शिखर में मंगल प्रवेश करेंगी। यह यात्रा 14 फरवरी को बलिया, उदयपुर से माताजी के निर्देशन में नौ आर्यिका के संघ साथ शाश्वत तीर्थ की वंदना हेतु प्रारंभ हुई थी। तीर्थवंधन महा अभिनंदन की यह यात्रा बिजोलिया, चांदखेड़ी, सोनागिरी, अयोध्या, बनारस आदि तीर्थ स्थलों में विराजित भगवान महावीर जी का दर्शन करते हुए सम्वेद शिखर में पहुंचेगी।
इस यात्रा में गुरुवार श्री दयासागर जी महाराज की शिष्या गणिनी प्रज्ञामति माताजी सम्मिलित हैं। तीर्थवंधन महा अभिनंदन यात्रा में ध्यानोदय क्षेत्र के अध्यक्ष ओमप्रकाश जी गोदावत जी साथ साथ चल रहे हैं।
गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माता जी का कुछ वर्ष हजारीबाग में चातुर्मास हुआ संपन्न था। सुप्रकाशमति माता जी जैन धर्म की एक प्रमुख गणिनी आर्यिका हैं। माता जी जैन धर्म व जैन दर्शन की एक प्रखर वक्ता हैं। उनके प्रवचन कार्यक्रम में काफी संख्या में जैन धर्मावलंबियों सहित विभिन्न धर्मों के लोग भी सम्मिलित होते हैं। हजारीबाग में चातुर्मास के दौरान हजारीबाग के तत्कालीन एस.पी गुप्तेश्वर पांडेय सहित विभिन्न धर्मो के प्रमुख लोग उनके प्रवचन कार्यक्रम जुटा करते थे।
गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माता जी, गणिनी प्रज्ञामति माताजी एवं संघस्थ तीर्थ वंधन यात्री गणों के हजारीबाग जिले के बरही में मंगल प्रवेश पर हजारीबाग जैन समाज के कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार जैन टोंग्या, प्रेम टोंग्या,संगीता जैन , एकता जैन, तनिष्का जैन आदि ने भव्य स्वागत किया। आज भी ये सभी धर्मानुरागी गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माता जी एवं तीर्थवंदन में शामिल सभी तीर्थ यात्रियों के सम्वेद शिखर में मंगल प्रवेश कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।
हजारीबाग जैन समाज के कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार जैन टोंग्या ने कहा कि गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माता जी सहित तीर्थ यात्रियों के दर्शन से मन में असीम शांति मिलती है।
आज गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माता जी अपने संघ के साथ शम्वेद शिखर में मंगल प्रवेश करेंगी
तीर्थवंधन महा अभिनंदन की यह यात्रा बिजोलिया, चांदखेड़ी, सोनागिरी, अयोध्या, बनारस आदि तीर्थ स्थलों में विराजित भगवान महावीर जी का दर्शन करते हुए सम्वेद शिखर में पहुंचेगी।