Friday, May 10, 2024
HomeDESHPATRAआज का दिन झारखंड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों पर लिखा जाएगा...

आज का दिन झारखंड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों पर लिखा जाएगा -विजय नायक

जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार 20 वर्षों तक झारखंड के दलित आदिवासी मूलवासी समाज के हक और अधिकार को दबाकर रखा था, हेमंत सोरेन की सरकार ने उनके हक और अधिकार को देने का काम किया।

रांची:
स्थानीय नीति नियोजन नीति एवं आरक्षण नीति का ध्वनीमत से सदन से पारित होना झारखंडी दलित आदिवासी मूलवासी समाज के लिए ऐतिहासिक दिन साबित हुआ और आज का दिन झारखंड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों पर लिखा जाएगा l
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष हटिया विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने सदन में दोनों विधेयक का ध्वनीमत से पारित होने पर आज अपनी प्रतिक्रिया में कहीं l उन्होंने हेमंत सरकार को बधाई देते हुए कहा कि जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार 20 वर्षों तक झारखंड के दलित आदिवासी मूलवासी समाज के हक और अधिकार को दबाकर रखा था, हेमंत सोरेन की सरकार ने उनके हक और अधिकार को देने का काम किया। इसके लिए झारखंडी सूचना अधिकार मंच एवं समस्त झारखंड के दलित आदिवासी मूलवासी समाज उनको इस कार्य के लिए बधाई देता है l
श्री नायक में आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय सरकार सदन से पारित दोनों विधेयक जो झारखंड की जनता की मूल आत्मा एवं उनके भावनाओं के साथ जुड़ी हुई है उन दोनों विधेयक को अविलंब कानून बनाकर नवीं अनुसूची में डालने का काम करें l अगर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार इन दोनों कानूनों को नहीं पारित करती है तो आने वाले लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में झारखंड से उनका सफ़ाया करने के लिए झारखंडी समाज कमर कस चुकी है l
श्री नायक ने आगे यह भी कहा की हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने शुक्रवार को झारखंड विधानसभा से ऐतिहासिक निर्णयों वाले दो विधेयक ध्वनीमत से पारित करा दिया। अब राज्य में स्थानीयता का आधार 1932 का खतियान या उसके पूर्व का सर्वे होगा। राज्य सरकार में तृतीय और चतुर्थ वर्गों की नौकरियां सिर्फ 1932 के खतियान या पूर्व के सर्वे में शामिल लोगों के वंशजों के लिए आरक्षित होंगी। इसी तरह ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी हो जाएगा। राज्य में कुल 77 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा। विधानसभा ने इन दोनों विधेयकों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भी पारित किया है। जो स्वागत योग्य कदम है। इसके लिए जितनी बधाई इन्हें दी जाए कम है l
श्री नायक ने आगे कहा की यह दोनों विधेयक पारित होने के बाद केंद्र के पास भेजा जाएगा। केंद्र की मंजूरी के बाद ही ये कानून का रूप लेंगे। केंद्र द्वारा इन्हें नौवीं अनुसूची में शामिल कराये जाने के बाद ही दोनों विधेयक कानून का रूप लेंगे। बता दें कि नौवीं अनुसूची में शामिल होने वाले कानूनों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती l
श्री नायक ने यह भी कहा की इस स्थानीय नीति, नियोजन नीति के आंदोलन मे शाहिद हुए विनय तिग्गा, कैलाश कुजूर, संतोष कुजूर एवं अन्य लोगों को झारखंड मे शहिदो का दर्जा दे तथा इस आंदोलन में आंदोलनकारियों के केस दर्ज किया गया उन सभी केशव को उठाने की मांग की है l

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments