Thursday, May 9, 2024
Homeव्यंग्यट्रिगोनेल्ला फोनम ग्रेसियम और विदेनिया सोम्रिफोरा

ट्रिगोनेल्ला फोनम ग्रेसियम और विदेनिया सोम्रिफोरा

आजकल उद्देश्य सामने वाले को प्रसन्न करने का नहीं, सन्न करने का रह गया है।

आलोक पुराणिक:

लेखक का काम सरजी उत्ता आसान ना होता, जित्ता समझा जाता है। मतलब पब्लिक यूं सा मानने लगती है कि लेखक है, तो पढ़ता भी होगा। अबे पढ़ते ही होते, तो कोई ढंग का काम ना करते।

मतलब पब्लिक समझती है कि अगला सिर्फ लिखा लिखा नहीं, पढ़ा लिखा टाइप्स होगा। देयरफोर पूछती है कि बच्चों और बच्चियों के नाम रखने है, बताओ अच्छा सा। एकदम डिफरेंट सा। कहां से लायें जी। पर जी इधर मैंने कुछ नया काम किया। एक सज्जन आये पुत्र का नाम रखवाना चाहते थे, मैंने कहा लीजिये-ठाकुर ट्रिगोनेल्ला फोनम ग्रेसियम सिंह, वाह क्या नाम है। सुनकर ही बेहोश हो जायें लोग। सीनियर ठाकुर एकदम उछल पड़े, क्या नाम है। मैंने उन्हे ना बताया कि दानामैथी को लैटिन में ये ट्रेगो…. कहते हैं। लैटिन बड़े काम की भाषा है। एकदम बुद्धिजीवी टाइप भाषा, सिंपल से मैटर को इत्ते भारी भरकम अंदाज में बताती है, कि सब सन्न रह जायें। आजकल उद्देश्य सामने वाले को प्रसन्न करने का नहीं, सन्न करने का रह गया है।

अभी एक बालिका का नाम किया है कुमारी विदैनिया सोम्रिफोरा , बालिका की मां ने खुश होकर मुझे विश्व का सबसे पढ़ा लिखा आदमी घोषित कर दिया है। मैंने ये ना बताया कि अश्वगंधा को लैटिन में विदे……..कहते हैं।

लैटिन बहुत काम आ रही है।

सरलता से ज्यादा क्लिष्टता काम आती है। ये बात मुझे अब समझ में आ रही है। बचपन में मैं कई कविताओं के अर्थ पूछता था हिंदी के प्रोफेसरों से, वो नींबू पे लिखी कविता के ब्रहमांडीय आयाम और ग्लोबल दृष्टिकोण समझाते थे। नींबू धरा का धरा रह जाता था। मैं डर गया उन अर्थों से। फिर पूछने की हिम्मत ना हुई प्रोफेसरों से। क्लिष्टता बचा देती है बालकों से, परेशानी से, ये बात उन प्रोफेसरों ने और लैटिन ने समझायी।

एक और नया नाम रखना है आज एक बालक का रखूंगा, जिंजिबार आफिशिनेल, यह सोंठ का लैटिन नाम है।

अभी एक सज्जन आये थे वो बता रहे थे कि नेताओं में आपकी नामकरण प्रतिभा की बहुत चर्चा हो रही है। कई नेता अपने पुत्रों और पुत्रियों के नामकरण कराने आप के पास आने वाले हैं। चलूं किसी लैटिन विशेषज्ञ से चर्चा करुं। भविष्य का रावण, बेटा बाप से आगे, तू भी लूटेगा, लूट खाऊंगा मैं-इन सबको लैटिन में अनूदित करा लूं। नेताओं के बालकों के धांसू और डिफरेंट नाम ये ही रखे जाने हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments