- नवल किशोर सिंह
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के कार्यकाल के एक साल पूरे हो गए हैं। चंद घंटों के बाद राजधानी के मोरहाबादी मैदान में एक साल के सफरनामे के साथ राज्य सरकार अपनी उपलब्धियों से जनता को रूबरू कराएगी। इस दौरान राज्य के विकास के लिए आगामी योजनाओं की घोषणा भी संभावित है। इसमें कोई दो राय नहीं कि एक साल के कार्यकाल में हेमंत सोरेन ने विकास की नई लकीर खींची है। विकास की दशा और दिशा बदली है।
गत वर्ष विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन ने सत्ता हासिल करने में सफलता पाई। युवा, ऊर्जावान, कर्मठ राजनेता हेमंत सोरेन एक बार फिर मुख्यमंत्री बने और झारखंड सरकार की बागडोर संभाली। उनके नेतृत्व में गठित सरकार के समक्ष विकास की दौड़ में आगे बढ़ने और विकसित राज्यों के समकक्ष खड़ा होने की चुनौतियां सामने थी। श्री सोरेन ने इन चुनौतियों का बखूबी सामना करते हुए राज्य में विकास को गति देना शुरू कर दिया। उन्होंने इस संबंध में नौकरशाही को भी स्पष्ट निर्देश दिया कि सरकार की प्राथमिकता राज्य हित में कल्याणकारी योजनाओं को गति प्रदान करना है। इस लक्ष्य के साथ सरकार ने रफ्तार पकड़ी।
सर्वांगीण विकास के लिए कृत-संकल्प राज्य सरकार उपलब्धियों के नित नए आयाम स्थापित करने की ओर अग्रसर है। सरकार में शामिल सहयोगी दलों के साथ समन्वय बनाए रखते हुए विकास को गति देना उनकी राजनीतिक परिपक्वता का परिचायक है।
नई उम्मीदों के साथ ऊंची उड़ान भरने का हौसला रखते हुए हेमंत सोरेन की सरकार ने कदम बढ़ाया है। नए संकल्प के साथ राज्य की दिशा और दशा बदलने के लिए श्री सोरेन कृतसंकल्पित हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अब तक के सफर में राज्य ने कई क्षेत्रों में सफलता अर्जित की है। श्री सोरेन ने जनहित में कई ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जो मील का पत्थर साबित हुए हैं। झारखंड की जो सूरत पहले दिखाई देती थी, वह तेजी से परिवर्तित हो रही है। राज्य में बुनियादी संसाधनों के मामले में आत्मनिर्भरता बढ़ रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए गए हैं। शिशु-मातृत्व मृत्यु दर में भी कमी आई है।
सर्वांगीण विकास के संकल्पों के साथ हौसला ऊंची उड़ान का
सूबे के पलामू, हजारीबाग और दुमका में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से उच्च शैक्षणिक विकास के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित हुआ है। वहीं, देवघर में एम्स खुलने की भी तैयारी की जा रही है। आईआईएम और सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे केंद्रीय संस्थान यहां पर खुल चुके हैं। झारखंड में श्रम सुधारों के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य हो रहा है। झारखंड श्रम सुधारों के क्षेत्र में विगत कई वर्षों से लगातार देश में पहले स्थान पर रहा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के पैमाने पर काफी नीचे के पायदान पर रहने वाला झारखंड अब ऊपर के राज्य में गिना जा रहा है। इस साल झारखंड पूरे देश में पांचवें स्थान पर आया। ऊर्जा के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट उपलब्धि हुई है। पतरातु थर्मल पावर स्टेशन और एनटीपीसी के संयुक्त उद्यम पीवीयूएनएल का पावर प्रोजेक्ट पूरा होने पर राज्य में पर्याप्त मात्रा में बिजली के उत्पादन में वृद्धि हुई है। इसके अलावा सबसे बड़े ताप विद्युत संयंत्र तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड के विस्तारीकरण की भी योजना पर काम हो रहा है। स्वच्छता के क्षेत्र में भी झारखंड ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। सूबे के सभी जिले खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं।
सर्वांगीण विकास के प्रति कृतसंकल्प हेमंत सोरेन की सरकार इन सबके अलावा अभी भी कई मामलों में आगे काम करने की दिशा में तत्पर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली आदि की स्थिति में अपेक्षित सुधार हो रहा है। इसी प्रकार कुपोषण, एनीमिया, पलायन, मानव तस्करी आदि समस्याओं से निजात पाने के लिए भी राज्य सरकार गंभीरता से पहल कर रही है। पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाओं के मद्देनजर पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए भी सरकार ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। राज्य सरकार द्वारा लंबित विकास परियोजनाओं को तेजी से कार्यान्वित करने की दिशा में भी ठोस पहल की गई है। सूबे के किसानों की आमदनी बढ़ाने की कवायद जारी है। हाल ही में किसानों की कर्ज माफी हेमंत सोरेन सरकार सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए भी सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य
सरकार खनिज संसाधनों से परिपूर्ण झारखंड को विकसित राज्यों के समकक्ष खड़ा करने की दिशा में सतत प्रयासरत है। इस दिशा में सरकार की लगातार कोशिशें जारी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के दौरान राज्य के मुखिया के नाते जिस प्रकार अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया, इसकी सराहना चहुंओर की जा रही है। उनका मानना है कि सकारात्मक सोच और ईमानदार पहल से विकास की परिकल्पना को साकार करने में सफल हो सकते हैं। इसी सोच के साथ सूबे के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करने में हेमंत सोरेन जुटे हैं। विकास के प्रति उनका जज्बा और जुनून देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि झारखंड जल्द ही विकसित राज्यों के पायदान पर सबसे ऊपर खड़ा होगा।