Monday, May 13, 2024
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चुप्पी तोड़ो,स्वस्थ रहो” ऑनलाइन ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित

मेयर आशा लकड़ा ने की अभियान को सफल बनाने की अपील


रांची। राष्ट्रीय सेवा योजना, झारखंड एवं यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में झारखंड सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान ” चुप्पी तोड़ो – स्वस्थ रहो” के अंतर्गत मासिकस्त्राव स्वास्थ्य प्रबंधन मैनेजमेंट(Menstural Hygiene Msnagemaent) विषय पर ऑनलाइन ओरिएन्टेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें एनएसएस के 322 महिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं छात्रा स्वयंसेविका शामिल हुईं।ओरिएन्टेशन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रांची की महापौर डॉ. आशा लकड़ा
ने शहर के 110 स्लम बस्तियों में इस अभियान को एन एस एस , यूनीसेफ एवं नगर निगम के साथ मिलकर चलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता आ रही है। जिसका परिणाम है कि लगभग 300 से अधिक एनएसएस की महिला कार्यक्रम पदाधिकारी एवं छात्रा स्वयंसेविका कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा
कि एनएसएस के स्वयंसेवक मिलकर स्कूल एवं कॉलेज के छात्राओं को इस अभियान में शामिल करते हुए चुप्पी तोड़ो – स्वस्थ रहो के मुहिम को सफल करें। उन्होंने कहा कि किशोरियों एवं महिलाओं में मासिक धर्म (माहवारी) का आना प्राकृतिक है एवं इससे उत्पन्न होने वाले भ्रांतियों को दूर करना चाहिए।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि रांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा आज भी मासिक धर्म के कारण लगभग 50% किशोरियां विद्यालय नहीं जाती है।उन्होंने कहा कि मासिक धर्म महिलाओं के लिए भगवान का तोहफा है, इसे समझना चाहिए। इस अवधि में कई प्रकार की परिवार में बन्दिशें होती है, जिसे धीरे – धीरे खत्म करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था से ही माँ को अपने लड़कियों को इसकी सही जानकारी देकर काफी हद तक घबराहट से उन्हें बचाया जा सकता है।
यूनीसेफ, झारखंड के प्रमुख प्रशांता दास ने कहा कि मासिक धर्म की चर्चा समाज में नहीं होती है, जिसके कारण आज भी इसे गुप्त रखा जाता है।उन्होंने कहा कि समाज मे बदलाव लाना आवश्यक है‌। इसके लिए सामुहिक प्रयास के माध्यम से अच्छी पहल होनी चाहिए।उन्होंने इस अभियान में सभी से बढ़- चढ़ कर शामिल होने की अपील की।
कार्यक्रम में रिम्स , रांची की वरीय महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना कुमारी ने कहा कि मासिक धर्म की शुरुआत किशोरावस्था के 14 से 15 वर्ष की उम्र से प्रारंभ होती है एवं इसका होना किशोरियों एवं महिलाओं के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म से किशोरियों में शारीरिक बदलाव आने लगता है एवं मसिक धर्म दो से सात दिनों तक होता है। इससे अधिक दिनों तक होने पर या अधिक दर्द होने पर महिला चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
कार्यक्रम में यूनीसेफ, झारखंड की स्वच्छता विशेषज्ञ लक्ष्मी रंजन सक्सेना ने कहा कि झारखंड में कक्षा 06 से 12 वीं तक 11लाख 78हजार 240 किशोरियां नामांकन लेकर पढ़ती है, जिसमें से 32 प्रतिशत किशोरियों को मासिक धर्म के बारे में जानकारी नही होती है। उन्होंने कहा कि चुप्पी तोड़ो – स्वस्थ रहो अभियान से बदलाव शुरू हो गए हैं। आवश्यकता है इस मुहिम में सक्रिय योगदान देने की।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण राज्य एनएसएस पदाधिकारी डॉ.ब्रजेश कुमार ने किया।कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन यूनीसेफ की संचार पदाधिकारी आस्था अलंग ने किया। कार्यक्रम में डॉ. मेरी मार्गरेट टुडु, डॉ. जौनी रूफिना तिर्की, डॉ. भारती सिंह, डॉ. पम्पा सेन विश्वास, डॉ. कुमारी उर्वशी, डॉ. कंचन कुमारी, डॉ. पुष्पा सुरीन, डॉ। प्रियंका सिंह सहित कई कार्यक्रम पदाधिकारियों एवं छात्राओं ने मासिक धर्म से जुड़े कई समस्याओं की चर्चा की।

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