अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । सूत धागा के भाव में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण मानपुर पटवाटोली के वस्त्र उद्योग की माली हालात खराब यहां के बने हुए चादर ,गमछा ,बेडशीट, टिकन पट्टा , इत्यादि का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। व्यापारी यहां का वस्त्र को उचित लागत में खरीदी करने को नहीं तैयार हैं ,नतीजा बुनकर अपने उत्पादन वस्त्र को औने पौने दाम में बेचने को लाचार है ताकि वह कामगार का पेट व परिवार एवं बैंकों से लिए गए ऋण का ब्याज दे सके। पावर लूम बुनकर दुखन पटवा ने बताया कि पूंजी के अभाव में तथा लागत मूल्य नहीं मिलने के कारण सिर्फ कामगार का रोजी रोटी मिलता रहे इसके लिए वस्त्र के उत्पादन में कम से कम यानी प्रोडक्शन को भी कमी किया गया ताकि उचित लागत मूल्य मिले लेकिन लागत मूल्य न मिलने से बुनकरों कर्ज से दब रहे हैं । उमाशंकर पटवा ने बताया की करघा उद्योग जो पहले से ही महामारी के कारण घाटे में था और मुद्रा स्फीति के कारण और घाटे में गया एवम ,धागा के भाव में अधिक वृद्धि के कारण और प्रभावित है। इसलिए केंद्र एवं बिहार सरकार से मांग करता हूं बुनकरों का ऋण माफी किया जाए ताकि यहां उद्योग धंधे बना रहे और रोजी-रोटी मिलता रहे।
बुनकर जितेश कुमार ने बताया कि छोटे-छोटे पावर लूम इकाई बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं, क्योंकि कमाई नहीं कर पा रहे हैं तथा पूंजी के अभाव में सूत के भाव में वृद्धि तथा लागत मूल्य भाव में बने हुए वस्त्र नहीं बिक्री होने के कारण पावरलूम उद्योग बंदी के कगार पर जा पहुंचा है। बुनकर प्रमोद कुमार लाल ने बताया की धागे की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ है कपड़े की बाजार में इन दिनों कोई मांग नहीं है पावर लूम वस्त्र निर्माण उद्योग चलाना मुश्किल हो गया है। प्रकाश राम पटवा ने बताया की सरकार को बिजली अनुदान को बढ़ाना चाहिए जो पहले विद्युत अनुदान ₹3 प्रति यूनिट बुनकरों मिल रहा है उसे ₹5 प्रति यूनिट करना चाहिए तथा बुनकरों के कच्चे माल पर जीएसटी कम कर राहत देने की मांग भी सरकार से करना चाहेंगे। बुनकर अमरनाथ ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से मैं मांग करता हूं कि जिन बुनकरों ने कर्ज लिया है उन्हें बुनकर ऋण माफी योजना के तहत बिहार में वस्त्र उद्योग को बचाया जा सकता है, बुनकरों के विकास से ही संभवत बिहार का विकास हो सकता है।