बरही से बीरेंद्र शर्मा की रिपोर्ट
बरही/चौपारण : कोविड-19 (कोरोना वायरस) तथा लॉक डाउन के बाद गांवो में प्रवासी मजदूरो का लगातार घर वापसी हो रही है। पैदल, साइकिल, बाइक सहित अन्य वाहनों से प्रवासी मजदूर जान जोखिम में डालकर घर वापस लौट रहे है। सरकारी आकड़े के आधार पर 24 मई तक दस हज़ार से अधिक प्रवासी मजदूर घर पहुंचे है। बताया गया है कि प्रखंड के 26 पंचायतो में विभिन्न प्रदेशों के रेड जोन से आने वाले मजदूरों के लिए पंचायत भवन सहित करीब 115 क्वारेंटाइन सेंटर प्रशासन द्वारा संचालित है। प्रवासी मजदूरों के घर वापसी की संख्या बढ़ने के कारण पंचायत के स्कूल और आंगनबाड़ी, सामुदायिक भवन को क्वारेंटाइन सेंटर बना बनाया गया है। सभी क्वारेंटाइन सेंटर में 3090 प्रवासी मजदूर रह रहे है तथा हज़ारो मजदूर होम क्वारेंटाइन में हैं। पंचायत भवन और पंचायत के अन्य क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे पंचायत स्तर पर क्वारेंटाइन प्रवासी मजदूर क्रमश चौपारण में 111, ताजपुर में 18, चोरदाहा में 112, दादपुर में 76, झापा में 136, दैहर में 85, बेला में 121, बहेरा में 108, मानगढ़ में 44, पांड़ेबारा में 67, जगदीशपुर में 185, डेबो में 163, करमा में 243, सेलहरा में 135, गोविंदपुर में 18, भगहर में 197, पडरिया में 121, रामपुर में 279, बेलाही में 148, बरहमोरिया में 134, बसरिया में 154, चैथी में 58, चयकला में 42, यवनपुर में 98, बच्छई में 77 और सिंघरावां में 91 प्रवासी मजदूर रह रहे है। विधायक उमाशंकर अकेला ने कई क्वारेंटाइन सेंटर का निरीक्षण कर प्रवासी मजदूरो की समस्या से अवगत हुए।